महापुराण प्रवचन-०१०
महापुराण प्रवचन-०१० श्रीमते सकलज्ञान, साम्राज्य पदमीयुषे। धर्मचक्रभृते भत्र्रे, नम: संसारभीमुषे।। महानुभावों! आदिपुराण में आपने जाना है कि राजा महाबल स्वर्ग में ललितांग देव हुए और निर्नामा नाम की कन्या स्वयंप्रभा देवी हुई। दोनों वहाँ खूब सुखपूर्वक रह रहे थे। तभी ललितांगदेव की आयु के छह माह शेष रहने पर ललितांगदेव के वंâठ की माला मुरझाने…