श्रद्धा के धरातल पर बना भव्य कुण्डलपुर भगवान महावीर जन्मभूमि, जिसे हमने अपने होश संभालने के साथ ही कुण्डलपुर के रूप में पढ़ा था, जाना था, गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा विकास की प्रेरणा दिये जाने के फलस्वरूप ही दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। वास्तव में यहाँ की प्राकृतिक छटा में भगवान महावीर के दिव्य…
श्री महावीर भगवान की महिमा –विधानाचार्य पं. प्रवीणचंद्र जैन शास्त्री जम्बूद्वीप-हस्तिनापुर तर्ज-जिया बेकरार है…………..महिमा अपार है, गुण का जो आधार है। महावीर भगवान का, नाम बड़ा सुखकार है।। महिमा अपार है…………………. वीर महा अतिवीर जी भगवन, वर्धमान महावीर जी-२, सन्मति सन्मति करने वाले, त्रिशलानंदन वीर जी-२। सिद्धारथ सुकुमार हैं, करुणा के अवतार हैं,…
महावीर जन्मभूमि कुण्डलपुर : एक वास्तविकता मिट्टी में दबा सोना कभी पीतल या खदान में पड़ा हीरा कभी काँच का टुकड़ा नहीं हो सकता। बाहरी वस्तुएँ किसी की मूल प्रकृति नहीं बदलतीं, कुछ समय के लिए उनकी चमक को फीका अवश्य कर देती हैं। सदियों से पूज्य शासननायक देवाधिदेव भगवान महावीर की जन्मभूमि कुण्डलपुर, जो…
भारत सरकार-श्रीयुत जार्ज फर्नांडीज जी का वक्तव्य अंश जैनधर्म के अंतिम एवं २४वें तीर्थंकर भगवान महावीर की जन्मभूमि के रूप में इस कुण्डलपुर की मान्यता प्राचीनकाल से रही है और यह मेरा सौभाग्य है कि इस महान पवित्र भूमि का भारतीय संसद में प्रशासनिक प्रतिनिधित्व करने का दायित्व मुझे मिला है। भगवान महावीर वो महान…
‘भगवान महावीर की जन्मभूमि कुण्डलपुर रत्नगर्भा एवं चमत्कारिक भूमि है’ ‘‘या कुण्डलपुरी पूज्या, मंगलं कुरुताद् भुवि, जन्मभूमि: प्रसिद्धास्ति महावीरस्य संप्रति। राजधानीह सिद्धार्थ, भूपते: साधुभिर्नुता, नंद्यावर्तं च प्रासादं, रत्नवृष्ट्या सुमंगलम्।।’’ उपर्युक्त पंक्तियों में पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी ने ‘तीर्थंकर जन्मभूमि वंदना’ में भगवान महावीर की जन्मभूमि कुण्डलपुर के लिए लिखा है कि यह कुण्डलपुरी पूज्य…
‘‘सत्यमेव जयते’’ यह अटल सत्य है कि अंत में ‘विजय सच्चाई की ही होती है’। भ्रांतियों के बादल कितने भी घने क्यों न हो, सत्य का सूर्य चमकते हुए अपनी आभा से सम्पूर्ण अंधकार को नष्ट कर देता है। इसके एक नहीं अनेकों उदाहरण हमें शास्त्र-पुराणों में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से दिखायी पड़ते हैं, जिसका जीता…
मेरे ज्ञानार्जन का अपूर्व केन्द्र बनी कुण्डलपुर तीर्थयात्रा मुझे स्मरण आता है राजाबाजार, कनॉटप्लेस-दिल्ली में १३ फरवरी २००२ का वह दिन जब पूज्य गणिनी श्री ज्ञानमती माताजी और मेरी चर्चा हुई भगवान महावीर की जन्मभूमि-कुण्डलपुर (नालंदा) के साक्षात् दर्शन की। दोनों के हृदय में विचार परिपुष्ट हो रहा था कि स्वयं जाकर ही भगवान की…