13 – संयम मार्गणासार
संयम मार्गणासार संयममार्गणा का लक्षण अहिंसादि पंचमहाव्रतों को धारण करना, पाँच समितियों का पालना, क्रोधादि चार कषायों का निग्रह करना, मन वचन, काय रूप दण्ड का त्याग तथा पाँच इंद्रियों का जय इसको संयम कहते हैं। संयम के पाँच भेद हैं—सामायिक, छेदोपस्थापना, परिहारविशुद्धि, सूक्ष्मसांपराय और यथाख्यात। इसी में संयमासंयम और असंयम के मिलाने से संयममार्गणा…