एकत्ववितर्क!
एकत्ववितर्क A type of supreme meditation which occurs in the 12th Gunasthana (spiritual stage). शुक्लध्यान का दूसरा भेद जो 12 वें गुणस्थान में होता है, इस ध्यान से 4 घातिया कर्मो का नाश होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
एकत्ववितर्क A type of supreme meditation which occurs in the 12th Gunasthana (spiritual stage). शुक्लध्यान का दूसरा भेद जो 12 वें गुणस्थान में होता है, इस ध्यान से 4 घातिया कर्मो का नाश होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रक्षाल – Prakshal. Anointement of Lord’s idol and wiping it with dry cioth. जिनेन्द्र भगवान की प्रतिमा का अभिषेक करना एवं कपडे से पोछना प्रक्षाल कहलाता है “
द्रव्य अप्रतिक्रमण Reverential view for the accepted matters in the past. अतीतकाल में जो परद्रव्यों का ग्रहण किया था, उनको वर्तमान में अच्छा जानना , उनका संस्कार रहना, उनके प्रति ममत्व भाव का होना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैसाख –Vaisakha A Hindi lunar month, The son of king Vishakh, ultimately who got salvation. १२ महीनों में से एक हिंदी महीने का नाम, राजा विशाख का पुत्र ” सात दिन की नव विवाहित पत्नी को छोड़कर मित्र मुनिद्त्त मुनि को आहार दान दे दीक्षा ले ली ” अंत में मोक्ष पधारे…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचलब्धि – Panchalabdhi. Five kinds of auspicious attainments. क्षयोपशम, विशुद्धि, देशना, प्रायोग्य और कारण यें पांच लाब्धियाँ है “
दौलतराम Name of Pandits, who wrote a number of books on Jainism. पंडित 1. पदमपुराण, आदिपुराण , हरिवंशपुराण, आदि की वचनिका के कर्ता, क्रियाकोश, अध्यात्म बारहखड़ी आदि के कर्ता, समय- वि. 1777-1829। 2. छीढाला, पदसंग्रह के कर्ता (समय- वि. 1855-1923)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == वाणी-विवेक : == हिदमिदवयणं भासदि, संतोषकरं तु सव्वजीवाणं। —कार्तिकेयानुप्रेक्षा : ३३४ साधक दूसरों को संतोष देने वाला हितकारी और मित—संक्षिप्त वचन बोलता है। मा कडुयं भणह जणे महुरं, पडिमणह कडुयभणिया वि। जइ गेण्हिऊण इच्छह लोए सुहयत्तण—पडायं।। —कुवलयमाला : ८५ यदि संसार में अच्छेपन की ध्वजा लेकर चलना चाहते…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचपाप – Panchapaapa. Five kinds of sinful activities (violence, to lie, tealing, bad conduct, possessions). हिंसा, झूठ, चोरी, कुशील, परिग्रह “
देहरहितता Bodilessness, the state of salvation (a virtue of Siddha). सिद्ध परमेष्ठी का शरीर से रहित होने का गुण।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]