ईशित्व ऋद्धि!
ईशित्व ऋद्धि A miraculous power of supremacy. जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु को सारे जगत पर प्रभुत्व करने की शक्ति प्राप्त हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ईशित्व ऋद्धि A miraculous power of supremacy. जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु को सारे जगत पर प्रभुत्व करने की शक्ति प्राप्त हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्षलक्ष – Varshalaksha.: A time period of 1 lac years. काल का प्रमाण; वर्षशतसहस्त्र (एक लाख वर्ष ) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संवेदनी कथा – Sanvedanee Kathaa. Tale creating religious sentiments. पुण्य के फल का कथन करने वाली अर्थात् धर्मानुराग बढ़ाने वाली कथा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्तना – Vartanaa.: Continuous inperceptible minute changes in any matter. द्रव्य के प्रति समय होने वाले परिवर्तन अर्थात प्रत्येक द्रव्य प्रत्येक पर्यायमें प्रति समय जो स्वसत्ता की अनुभूति करता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचकल्याणक वंदना – Panchakalyaanaka Vandanaa. Devotional celebration of five auspicious events of the life of Tirthankars (Jaina Lord). कृतिकर्म; भगवान के गर्भ, जन्म आदि पांचों कल्याणक की सिद्ध आदि भक्ति पाठ के साथ वन्दना करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूर्यग्रहण – Suryagrahana. Solar eclips. जैन भूगोल के अनुसार सूर्य और पृथ्वी के बीच में केतु ग्रह का मिान आ जाने पर सूर्य का ढॅंक जाना सूर्यग्रहण कहलाता है। यह प्रत्येक छह महीने में अमावस्या के दिन होता है। सूर्यग्रहण के समय कोई शुभ कार्य नही किये जाते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंच अतिचार – Pancha Atichaar. Five kinds of infractions related to vows. पाँच दोष, प्रत्येक व्रत के पांच-पांच अतिचार “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रघुनाथ – न्यायदर्षन में नव्यन्याय के प्रसिद्ध प्रणेता, श्रीरामचन्द्र जी का अपरनाम। Raghunatha-Name of a great judiciary founder, Another name of Shri Ram
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूत्रवचन – SutraVachana. Scriptural facts. आगम वचन या आगम प्रमाण ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पीपल – Pipala. Name of a initiation tree of Lord Anantnath, A type of figs, non-edible according to Jainology. अनन्तनाथ भगवान के दीक्षा वृक्ष का नाम, ५ उदम्बर फलों में एक फल का नाम “