गुणभद्र भट्टारक!
गुणभद्र भट्टारक The writer of religious treatise (Dhanyakumar charit etc). पूजा कल्प,धन्यकुमार चरित आदि के कर्ता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुणभद्र भट्टारक The writer of religious treatise (Dhanyakumar charit etc). पूजा कल्प,धन्यकुमार चरित आदि के कर्ता ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोजवंश:Name of a dynasty. वृषभदेव भगवान के समय का एक वंश; इस देश के राजा न्यायपूर्वक प्रजा का पालन करने से भोज कहलाते थे “
द्रविड़ देश A region of south India, associated with Acharya Kund-Kund. दक्षिण प्रांत का एक भाग, जिसमें आचार्य कुन्दकुन्द हुए।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गरूड़पंचमी व्रत A type of vow to be observed in shravan month. पांच वर्ष तक प्रतिवर्ष श्रावण शु. ५ का उपवास ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
दोलायित An infraction of meditative relaxation (mental & bodily fluctuation). कायोत्सर्ग का एक अतिचार; हिंडोले दउकी भांति शरीर का अथवा मन का डोलना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गर्हा Confessing own faults before the spiritual teacher. गर्हण, गुरु के समक्ष अपने दोष प्रगट करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == विद्या : == सम्यगाराधिता विद्यादेवता कामदायिनी। —आदिपुराण : १६-९९ विद्या देवता की सम्यग्—सही विधि से आराधना करने पर वह समस्त इच्छित फल प्रदान करती है।
गिरिपात Falling from a precipice (steep mountain etc.) पर्वत से गिरना, लोकमूढता;धर्मं लाभ मानकर पर्वत से गिरना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == नम्रता : == किंदि रिंता वि नमंति मग्गणत्थं धरंति जे जोयं। ताण धणूण व पुरिसाण कह णु मा होउ टंकारो।। —गाहारयण कोष : १२९ करोड़ों का धन देकर भी जो नम्र है और जो याचकों के लिए ही जीवन धारण करता है, ऐसा धनुष और पुरुष क्यों नहीं…