रसाधिकाम्मोद!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसाधिकाम्मोद – रसधिक जाति के मेघ। यं रस की वर्शा करते हैं।उत्सर्पिणी काल में अतिदुशमा काल के अन्त में ये बरसते है जिससे घरती उपजाउ होती है। Rasadhikammoda-A kind of clouds causing juicy raining
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसाधिकाम्मोद – रसधिक जाति के मेघ। यं रस की वर्शा करते हैं।उत्सर्पिणी काल में अतिदुशमा काल के अन्त में ये बरसते है जिससे घरती उपजाउ होती है। Rasadhikammoda-A kind of clouds causing juicy raining
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संभवदल कर्म – Sanbhavadala Karma. Cutting of wood. लकड़ी के आवश्यकतानुसार भाग कर दिये जाना संभवदल कर्म है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपसत्य – 10 प्रकार के सत्यभाशण में एक। इसमें पदार्थ के न हाने पर रूप मात्र की अपेक्षा उसका कथन करना।जैसे – चित्र में बने पुरूश को पुरूश कहना। Rupasatya-Description of something by general outline
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वासोच्छ्वास – Shvaasocchvaasa. Breathing (exhaling & inhaling air). प्राणापान ” जो पवन भीतर से बाहर आती है वह उच्छ्वास या प्राण है व जो बाहर की वायु भीतर ली जाये वह श्वास या अपान है “
उत्सर्पिणी A large period of time, progressive half cycle, ascending cycle of time. जिस काल में जीवों की आयु बल ऊँचाई आदि का उत्तरोत्तर विकास होता है।इसके 6 भेद हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लांतव देव – सातवे स्वर्ग के निवासी देव। Lamtava Deva-The deities of the 7th heaven
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रेणी – Shrenee. Series, Class, Division. पंक्ति, क्रम, इस शब्द का प्रयोग अनेक प्रकरणों में आता है, जैसे आकाश प्रदेशो की श्रेणी, राजसेना की 18 श्रेणियाँ, स्वर्गो के श्रेणीबद्ध विमान, शुक्लध्यानगत साधू की उपशम व क्षपक श्रेणी आदि “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रुतधर आम्नाय – Shrutadhara Aamnaaya. The tradition of great saints possesing scriptural knowledge (shrutgyan). श्रुत को धारण करने वाले आचार्यो की परम्परा, मूलसंघ की पट्टावली में अंतिम श्रुतकेवली भद्रबाहु हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगपरिकर्म – मन वचन काय द्वारा आत्म प्रदेषो की चंचलता। Yoga parikarma-Vibration in soul points