चक्रपुर!
चक्रपुर A city of Bharat Kshetra (region), A city in the south of Vijayardh mountain. भरतक्षेत्र का एक नगर , विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चक्रपुर A city of Bharat Kshetra (region), A city in the south of Vijayardh mountain. भरतक्षेत्र का एक नगर , विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्याख्यान धारण- pratyakhyana dharana A reverential activity of jain saints as after foodtaking etc कृतिकर्म; भोजन आदि का प्रत्याख्यान लेते समय सिद्ध व योग भä पिढ़ना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] ल.को. – लक्षकोटि की सहनहानि। एक लाख करोड। La ko-A symbolic expression for a large number (one lac crore)
तीसरी भूमिका Modified state of soul. प्रतिक्रमण्रा आदि के विकल्पों से रहित शुद्धात्मा की भूमिका । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव सत्य – Bhava Satya. True statements, A type of truth. १० प्रकार के सत्य का एक भेद; जो पदार्थ इन्दिृयगोचर न हो उसमें सिध्दांत के अनुसार वचन कहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिसेवना कुशील – pratisevana kusila कुशील Saints with slight lapse in secondary virtues निग्र्रथ साधु का भेद जो मूल व उत्तरगुड़ो को पालते है लेकिन कभी-कभी उत्तरगुड़ो में दोश लगातें है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यक्षिणी– Yakshini. Female demigod. 24वर्तमान तीर्थंकर भगवंतो की शासन यक्षिणी क्रमशः इस प्रकार है– 1. चक्रेश्वरी देवी 2. रोहिणी देवी 3. प्रज्ञप्तिदेवी 4. व्रजश्रृंखला देवी 5. पुरुषदत्ता देवी 6. मनोवेगा देवी 7. काली देवी 8. ज्वालामालिनी देवी 9. महाकाली देवी 10. मानवी देवी 11. गौरी देवी 12. गांधारी देवी 13. वैरोटी देवी 14….
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसंयोगी – Svasammyogii. Something self correlative. भग का एक भेद। जहाॅ निज भाव के भेद का संग रुप ही भग हो वह स्वसंयोगी भंग है। जैसे- क्षायिक सम्यक्त्व एवं क्षायिक चारित्र वाला द्विसंयोगी क्षायिक भाव।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वानप्रस्थ आश्रम – Vanprastha Asrama. The third progressive spiritual stage of mundane life. धर्म क्रियाओं के भेद से ब्रह्मचर्य, ग्रहस्थ, वानप्रस्थ. संन्यास इन चार आश्रमों में तीसरा भेद ” देखें- वाणप्रस्थ “