सविपाक उदय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सविपाक उदय – Savipaaka Udaya. Fruition of Karmas on maturity. काल, भव और क्षेत्र का निमित्त पाकर कर्मो का उदय होता है। वह दा प्रकार का है- सविपाक उदय और विपाक उदय । कर्मो का स्थिति पूर्ण होने पर उदय में आना ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सविपाक उदय – Savipaaka Udaya. Fruition of Karmas on maturity. काल, भव और क्षेत्र का निमित्त पाकर कर्मो का उदय होता है। वह दा प्रकार का है- सविपाक उदय और विपाक उदय । कर्मो का स्थिति पूर्ण होने पर उदय में आना ।
त्यागधर्म Doctrine of renunciation. 10 धर्मों में एक धर्म, संचेतन और अचेतन समस्त परिग्रह की निवृत्ति एंव संसार – शरीर – भोगों से उदासीनता । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृच्छा विधि – Prccha Vidhi. Method of asking or questioning, Synonym word for Shrutgyan (scriptural knowledge). पूछा गया अर्थ पृच्छा है, और वह जिसमें विहित की जाती है अर्थात् कही जाती है वह पृच्छाविधि कहलाती है, श्रुतज्ञान का एक पर्यायवाची नाम “
ड्योढ गुणहाहिन A mathematical quantity. गुणहानि आयाम को ड्योड़ा करने पर मिले प्रमाण को ड्योढ गुणहानि कहते है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
फलत्याग Abandonment of some particular fruits for some particular time. समस्त अथवा कुछ फलों का नियत समसय के लिए त्याग करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
छेदविधि A method of repentance for maintaining restraints. प्रमाद द्वारा हुए अनर्थ को दूरं करने के लिए प्रायश्र्चित विधि से क छेदन करके संयम रूप धर्मं में स्थापना करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वसुन्दर – Sarvasumndara. Very veautiful or attractive. One of the seven particular saints. See- Sapta Rsi. सबसे सुन्दर, सप्त ऋषियों में से एक । देखे – सप्तऋषि ।
तैजस संघात नामकर्म Karmic nature causing luminous body. जिसके उदय से तैजस वर्गणाएं परस्पर छेद रहित एकमेक हो जाएं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
छायाराहित्य Shadowlessness; an excellence of Lord Arihant. अर्हन्त भगवान के जन्म का अतिशय ; छाया से रहित होना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वव्यापी – Sarvavyaapee. All-pervaded, omniscience. केवलज्ञान; उसमें समस्त पदार्थ प्रतिभासित होने से वह सर्वगत है।