प्रातिहार्य!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रातिहार्य- आषेक वृक्ष, तीन छत्र, रत्नमय सिंहासन, दिव्यध्वनि, दुन्दुभिनाद, पुश्पवृश्टि, प्रभामण्डल, चैंसठ चमरयुक्तता ये अरिहंत भगवान के 8 प्रातिहार्य कहलाते हैं। Pratiharya- Eight auspicious emblems of lord Arhant
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रातिहार्य- आषेक वृक्ष, तीन छत्र, रत्नमय सिंहासन, दिव्यध्वनि, दुन्दुभिनाद, पुश्पवृश्टि, प्रभामण्डल, चैंसठ चमरयुक्तता ये अरिहंत भगवान के 8 प्रातिहार्य कहलाते हैं। Pratiharya- Eight auspicious emblems of lord Arhant
दुर्भाषा Rude, Violent, Merciless & husky language. कर्कश, कटु, निष्ठुर, परकोपी, जीवों की हिंसा करने वाली आदि भाषा।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणत (देव)- कल्पवासी देवों का एक भेद। Pranata (Deva)- A type of heavenly deities
ट The eleventh consonant of the Devanagari syllabary.देवनागरी लिपि का ग्यारहवाँ व्यंजन अक्षर, इसका उच्चारण स्थान मूर्धा है। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहिस्तत्त्व- तत्त्व का एक भेद; तत्त्व बहिस्तत्त्व और अन्तस्तत्त्वरुप परमात्मा तत्त्व ऐसे भेदों वाले होते है। Bahistattva- The external element
दीक्षा Initiation, Consecration for a religious ceremony, an act of undertaking religious observances. वैराग्य की उत्तम भूमिका को प्राप्त होकर अपने सब सगे संबधियों से क्षमा मांगकर गुरू की शरण में जाकर संपूर्ण परिग्रह का त्याग कर देना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बालपंडितमरण- सम्यग्दृष्टि देशव्रती श्रावक का मरण। Balapanditamarana- Death of a well conducting householder
दिव्यपाद Name of 23rd predestined Tirthankar (Jaina-Lord). जम्बूद्वीप भरतक्षेत्र में स्थित 23 वें भाविकालीन तीर्थंकर का नाम (हरिवंशपुराण के आधार पर ) दूसरे ग्रंथों में इनका नाम देवपाल है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बलदेव- बलभद्र; नारायण के बड़े भई, ये संख्या में 9 होते हैं एवं स्वर्ग या मोक्ष जाते है। Baladeva- A type of great personages