प्रमाद प्रत्यय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाद प्रत्यय- कर्म बंध के 5 कारणों में एक कारण; षुभ कार्यो में आलस्य करना। PramadaPratyaya- carelessness in auspicious activities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाद प्रत्यय- कर्म बंध के 5 कारणों में एक कारण; षुभ कार्यो में आलस्य करना। PramadaPratyaya- carelessness in auspicious activities
धनुष A bow, an area unit. क्षेत्र का एक प्रमाण (4 हाथ का एक धनुष) । दण्ड , युग, मूसल, नाली, ये अपरनाम हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाण संग्रह- आचार्य अकलंक भट्ट (ई. 620-680) कृत एक ग्रंथ। PramanaSamgraha- A book written by Acharya AkalankaBhatta
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्यूषकाल- प्रतः का संधि काल। pratyusakala – daybreak, dawn period
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभास्वर- उज्जवल, चमकीला, सौधर्मेनद्र द्वारा प्रस्तुत वृशदेव का एक नाम। Prabhasvara- Luminous, A name of Lord Rishabhdev given by SaudharmaIndra
द्वैताद्वैत नय Viewpoint of dualism and non-dualism. एक दृष्टिकोण जिसके अनुसार आत्मद्रव्य ज्ञान ज्ञेय अद्वैत नय से महान् ईंधन समूहरूप परिणत अग्नि की भाँति एक है एंव द्वैतरूपनय से पर के प्रतिबिम्बों सम्पृक्त दर्पण की भाँति अनेक हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्यासत्ति – घनिश्ठ संपर्क, सादृष्य, निकटता का नाम प्रत्यासति है। वह द्रव्य, क्षेत्र, काल, भव के भेद से चार प्रकार की होती है। pratyasatti – nearness, closeness
द्विसंधान महाकाव्य A treatise written by Dhananjaya. पाण्डव चरित्र पर धनन्जय कवि द्वारा रचित एक ग्रंथ। जिसमें रामायण और महाभारत दोनों कथाओं से संबंधित अर्थ निकलता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
इ The third vowel of the Devanagari syllabary. देवनागरी वर्णमाला का तृतीय स्वर।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रायश्चित – प्रतिसमय लगने वाले अंतरंग व बाह्य दोशों की निवृति करके अंतर्षोधन करने के लिए गुरु के समक्ष किया गया पष्चाताप। Prayascitta- Expiation, Repentance, Atonement, penitence