रसगारव!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसगारव – छ रस सहित भोजन मिलने का अभिमान। Rasagarava- pride of having tasty food
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रसगारव – छ रस सहित भोजन मिलने का अभिमान। Rasagarava- pride of having tasty food
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वामा – Vaamaa.: Mother’s name of Lord Parshvanath. भगवान पार्श्वनाथ की माता “अपरनाम ब्राम्ही ,वर्मिला “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यफल – Punyaphala. The fruit of meritorious actions. पुण्यकार्यों से प्राप्त होने वाला शुभ फल. अर्हन्त अवस्था को पुण्य का उत्कृष्ट फल जानना चाहिए “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वादीभसिंह (अजितसेन )- Vaadibhasingha (Ajitasena).: Name of the disciple of Vadiraj-2. वादिराज-2 के शिष्य ,यादवराज ऐरेयंग शांतराज तेलगु (ई.-1103 ) के गुरु “स्याद्वाद सिद्धि के रचयिता “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंडितमरण –Panditamaran. A type of holy death of saints occurring from the 6th stage of spiritual development (Gunsthan) upto the 11th one. समाधिपूर्वक मरण; छाते गुणस्थान स्वे लेकर ग्यारहवें गुणस्थान तक में होने वाला मरण पंडित मरण है” भक्त प्रत्याख्यान, डंगिनी और प्रायोपगमन ये तीन मरण पंडित मरण है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुचि – Shuchi. Purity (reg.worldly or spiritual), A type of peripatetic diety. पवित्रता; लौकिक और लोकोत्तर के भेद से ये दो प्रकार की होती है ” पिशाच व्यन्तारों का 8वां भेद “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रिश्टसमुच्चय – आचार्य दुर्गदेव कृत मन्त्र तन्त्र विशयक एक संस्कृत गं्रथ का नाम। समय 11 षताब्दी Ristasamuccaya-name of a book related to mystical theme
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाद-न्याय – Vaad-Nyaaya.: Name of a treatise written by Acharya Kumarnandi. आचार्य कुमारनंदि (ई.- 776) कृत संस्कृत भाषा में न्याय विषयक ग्रन्थ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैतृष्ण्य –Vaitrsnya Synonym word for Samata equanimity of harmony। समता का पर्यायवाची “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नमाली – विद्याधर वंष का एक राजा Ratnamali- Name of a king of Vidyadhar Dynasty