इंद्रध्वज!
इंद्रध्वज A type of worshipping to be performed by Indras. पूजा के पाँच (नित्यमह आष्टान्हिक इन्द्रध्वज कल्पद्रुम सर्वतोभद्र) भेदों में से एक भेद जो इन्द्रों द्वारा मध्यलोक के 458 मंदिरों पर ध्वजा चढ़ाकर की जाती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इंद्रध्वज A type of worshipping to be performed by Indras. पूजा के पाँच (नित्यमह आष्टान्हिक इन्द्रध्वज कल्पद्रुम सर्वतोभद्र) भेदों में से एक भेद जो इन्द्रों द्वारा मध्यलोक के 458 मंदिरों पर ध्वजा चढ़ाकर की जाती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चंद्रवर्मा A king of Yadu dynasty. यदुवंश का एक राजा, कृष्ण का एक पुत्र ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवाल- मूँगा, मानुशोत्तर पर्वत पर सिथत एक कूट। Pravala- Coral, Name of a summit situated at Manushottar mountain
गरूड़वाहिनी A type of divine power to fly over the sky. एक विद्या, इससे आकाश में गमन होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्यक्ष हेतु- pratyaksa hetu Direct cause related to origination of knowledge उादिश्ट हेतु का एक भेद; अज्ञानादि का विनाषा, ज्ञज्ञन की उत्पति
उत्तर वैक्रियक Transformable protean body (variant). मूल शरीर को छोड़कर पृथक् विक्रिया से बने शरीर।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विवक्षा – Vivaksha. Desire of orator or speaker. वक्ता की इच्छा को विवक्षा कहते हैं ” प्रशनकर्ता के प्रशन से ही प्रतिपादन करने वाले की विवक्षा होती हैं “
आठर्वी पृथ्वी The 8th earth (Siddhashila). सिद्धशिला ईषत्प्राग्भार-45 लाख योजन विस्तृत पृथ्वी।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == शल्य : == तत् शस्त्रं च विषं च, दुष्प्रयुक्तो वा करोति वैताल:। यन्त्रं वा दुष्प्रयुक्तं, सर्पो वा प्रमादिन: क्रुद्ध:।। यत् करोति—भावशल्य—मनुद्धृतमुत्तमार्थ—काले। दुर्लभबोधिकत्वम् , अनन्तसंसारिकत्वं च।। —समणसुत्त : ५७७-५७८ दुष्प्रयुक्त शस्त्र, विष, भूत तथा दुष्प्रयुक्त यन्त्र तथा क्रुद्ध सर्प आदि प्रमादी का उतना अनिष्ट नहीं करते, जितना अनिष्ट समाधिकाल…
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसहाय – Svasahaya. Absolutely independent. स्त्। जो स्वभाव से ही सिद्व है, इसलिये वह अनादि अनंत है स्वसहाय है, निर्विकल्प है।