चर्या!
चर्या Observance, Routine duties. आचरण , चरित्र ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सम्मान : == तम्हा सव्वे वि णया, मिच्छादिट्ठी सपक्ख—पडिबद्धा। अण्णोण्णणिस्सिया उण, हवंति सम्मत्तसब्भावा।। ——सन्मति तर्क प्रकरण : १-२१ अपने—अपने पक्ष में ही प्रतिबद्ध परस्पर निरपेक्ष सभी नय (मत) मिथ्या हैं, असम्यक् हैं, परन्तु ये ही नय जब परस्पर सापेक्ष होते हैं तब सत्य एवं सम्यक् बन जाते हैं।…
चूली A fire place (used for cooking food). पूतिकर्म का एक भेद , पंचसून आरम्भ में एक ; चूल्हा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थंडिल – Sthamdila. Sterilized place etc.सूक्ष्म जीवो की आशंका से रहित प्रासुक स्थान आदि।
चतुर्मुख Having four faces (reg. Lord Arihant in Samava- sharan), Name of a city in southern Vijayardh mountain, Name of the 7th Narad (a learned sage). समवशरण में अर्हन्त भगवान् का चारों दिशाओं में मुख दिखाई देना, विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर, सातवें नारद का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्मइजिण चरिउ – Sammaijina Chariu. Name of a treatise in Apabhransh language written by poet Raedhu on the conduct of lord mahavira. भगवान महावीर के चरित्र विषयक अपभ्रंष भाषाबद्व कवि रइधू कृत ग्रंथ। समय ई. 1400-1479।
ततवार्थवृत्ति Name of a commentary book written on ‘Tattvarthsutra’. तत्वार्थसूत्र टीका विषयक एक ग्रंथ, आचार्य श्री श्रुतसागर सूरि द्वारा लिखित । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संचेतना – Sanchetana. Absolute Consciousness. ज्ञानरूप शुद्ध आत्मा या ज्ञान चेतना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्तिबुक संक्रमण – Stibuka samkramana. Simultaneous fruition of non-rising karmic nature with another rising one.गति, जाति आदि पिेड प्रकृतियो मे से जिस किसी विवक्षित प्रकृति के उदय आने पर अनुदय प्राप्त शेष प्रकृतियो का जो उसी प्रकृति मे संक्रमण होकर उदय आता है उसे स्तिबुक संक्रमण कहते है। जैसे एकेन्द्रिय जीवो के उदय प्राप्त…