प्रवचन प्रभावना!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवचन प्रभावना- आगम के अर्थ का कीर्ति विस्तार या वृद्धि करना। Pravacanaprabhavana- Glorification of scriptures or sermons
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवचन प्रभावना- आगम के अर्थ का कीर्ति विस्तार या वृद्धि करना। Pravacanaprabhavana- Glorification of scriptures or sermons
[[श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष]] == कायक्लेश : == सुखेन भावितं ज्ञाने, दु:खे जाते विनश्यति। तस्मात् यथाबलं योगी, आत्मानं दु:खै: भावयेत्।। —समणसुत्त : ४५३ सुखपूर्वक प्राप्त किया हुआ ज्ञान दु:ख के आने पर नष्ट हो जाता है। अत: योगी को अपनी शक्ति के अनुसार दु:खों के द्वारा अर्थात् कायक्लेशपूर्वक आत्म-चिन्तन करना चाहिए।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रयोग- मन वचन एवं काय रुप योगों को प्रयोग शब्द से ग्रहण किया जाता है। Prayoga – Application (use), effort, experiment
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदिमित्र – Namdimitra Name of the predestined 2nd Narayan, the 7th Balbhadra, the 82nd chief disciple (Gandhar) of Lord Rishabhdev, Name of a great saint possessing knowledge of 14 Purvas. आगामी दुसरे नारायण, सातवे बलभद्र. वृषभदेव के 82 वें गणधर, पांच श्रुत्केवली मुनियों में 14 पूर्व के ज्ञाता दुसरे मुनि का नाम ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमृशा- भरत क्षेत्र आर्यखण्ड की एक नदी। Pramrsa- A river of Bharat kshetraaryakhand (region)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्येक वनस्पति काय- प्रत्येक वनस्पति कायिक जीव द्वारा छोड़ा गया शारीर अभवा पृथक-पृथक वनस्पति जीव जैसे; खैर आदि वनस्पति। pratyeka vanaspati kaya – beings pretaining to plant life.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाण योजन- क्षेत्र का प्रमाण विषेश। PramanaYojana- An area unit
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रार – Sahasraara. Name of the 12th heaven. 12वां स्वर्ग, यहां का इन्द्र शतार है।
ध्रुवशून्य वर्गणा A type of aggregate of Karmic molecules. 23 पुद्गल वर्गणाओं में एक वर्गणा; इसका गुणकार मिथ्यादृष्टि जीवराशि में असंख्यात लो का भाग देने से जो लब्ध आवे उतना है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभास (स्वर्ग)- अनुदिस स्वर्ग के श्रेणीबद्ध 4 विमानों में उŸार दिष का विमान। Prabhasa (svarga)- Name of a heavenly abode