प्रज्ञापन!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रज्ञापन – Pragyapana. Injuction, Presentation. प्ररुपणा, निरुपणा, प्रज्ञापना ये एकार्थवाची हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रज्ञापन – Pragyapana. Injuction, Presentation. प्ररुपणा, निरुपणा, प्रज्ञापना ये एकार्थवाची हैं “
त्रैलोक्य दीपक A book written by Vamdeva. वामदेव (ई. 13-14) द्वारा रचित एक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिषष्ठि शलाका पुरूष Sixty three great personages (who attain salvation through any birth). 24 तीर्थंकर + 12 चक्रवर्ती +9 नारायण +9 प्रतिनारायण +9 बलभद्र ये 63 महापुरूष 63 शलाकापुरूष कहलाते है। प्रथमानुयोग के ग्रंथों में इनका वर्णन पाया जाता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतशोका –Vitashoka. Name of a capital city of sarit country of west videh (region), Name of the 25th city of north-ernvijayardh mountain. A large lake of squth- ernNandishvardvip (island). पशिचम विदेह के सरित देश की राजधानी, विजयार्ध की उत्तरश्रेणी का २५ वां नगर, नंदीश्वर द्वीप की दक्षिण की एक बावड़ी “
दिगम्बर आम्नाय A sect of Jaina. जैनों में वह भेद (मत) जो साधु एक भगवान को निग्र्रंथ वस्त्रादि रहित दिगम्बर मानते हैं। वर्तमान में जैन धर्म में दो आम्नाय चली आ रही न दिगम्बर आम्नाय है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] भेद विज्ञान:Science of differentiation (between self-own soul & other). सम्यग्ज्ञान; गुरुपदेश से अथवा शास्त्राभ्यास से या स्वात्मानुभव से स्व व पर के भेद को जानना “
तुरीय चारित्र A super conduct, to be observed in the 10th stage of spiritual development (Gunsthan). चैथा सूक्ष्मसाम्पराय चारित्र , यह 10 वें गुणस्थान में होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विर्याचार –Viryacara. One of the 5 conducts – conduct with spiritual strength. ५ आधारों में एक आचार, अपनी शक्ति को न छिपाकर उत्साहपूर्वक आत्मबल के साथ चरित्र पालना “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मीना–Miina. Name of the chief Aryika (Ganini) in the assembly of Lord Suparshvnath. तीर्थंकर ससुपार्श्वनाथके समवशरण में विघमान 3 लाख तीस हजार आर्यिकाओ में मुख्य आर्यिका (गणिनी)”