श्यामकुमार!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्यामकुमार – Shyaamakumaara. A type of residential deities (Asurkumar). असुरकुमार भवनवासी देव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्यामकुमार – Shyaamakumaara. A type of residential deities (Asurkumar). असुरकुमार भवनवासी देव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भरतसागर (आचार्य) – Bharatasagara (Acarya). 1) Name of the chief disciple of Acharya Vimalsagar. 2) Name of a saint, the disciple of Acharya Shri Sumatisagar Maharaj. १) आचार्य श्री विमलसागर महाराज के पट्टाचार्य ” इनकी प्रेरणा से अनेक ग्रंथो का प्रकाशन हुआ है ” (समय –ई. श.२०) ” २ ) आचार्यश्री सुमतिसागर…
दैत्याकार जलचर Large aquatic beings. बड़ा जलचर, व्हेल मछली आदि जीव।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == समाधि : == जो झायइ अप्पाणं, परमसमाही हवे तस्स। —नियमसार : १२३ जो अपनी आत्मा का ध्यान करता है, उसे परम समाधि की प्राप्ति होती है। य इन्द्रियाणां विषया मनोज्ञा:, न तेषु भावं निसृजेत् कदापि। न चामनोज्ञेषु मनोऽपि कुर्यात , समाधिकाम: श्रमणस्तपस्वी।। —समणसुत्त : ४९२ समाधि की कामना…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवृत्ति – प्रमाण से किसी वस्तु को जानकर उसे पाने या छोड़ने की इच्छा सहित चेश्टा करना। Pravrtti- Activity, trend, tendency
चक्र A wheel, ring, a group, a circular shape, First Patal (layer) of Sanatkumar heaven, Prime jewel of Chakravarti (emperor), See – Dharmacakra. सनत्कुमार स्वर्ग का प्रथम पटल, चक्त्रवारती का एक प्रधान रत्न, देखें- धर्मचक्र ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्याख्यान- pratyakhyana Resolution or determination (for not committing fault) आगामी काल दोश न करने की प्रतिज्ञा करना।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सज्जन-दुर्जन : == सुजणो वि होइ लहुओ, दुज्जणसंमेलणाए दोसेण। माला वि मोल्लगरुया, होदि लहू मउयसंसिट्ठा।। —भगवती आराधना : ३४५ दुर्जन की संगति करने से सज्जन का महत्व गिर जाता है, जैसे कि मूल्यवान माला मुर्दे पर डाल देने से निकम्मी—तुच्छ, त्याज्य हो जाती है। सरिसे वि मणुयजन्मे डहइ…