गुणदोष!
गुणदोष Virtues and vices. सविचार भक्तप्रत्याख्यान विधि के ४० अधिकारों में २४वां अधिकार; आलोचना के गुण दोषों का वर्णन ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुणदोष Virtues and vices. सविचार भक्तप्रत्याख्यान विधि के ४० अधिकारों में २४वां अधिकार; आलोचना के गुण दोषों का वर्णन ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोगानर्थाक्य:An infraction-excess of consumables, hoarding. अनर्थदण्डव्रत का एक अतिचार; आवश्यकता से अधिक उपभोग परिभोग की वस्तुओं को एकत्रित करना “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == गति : == नीचैर्वृत्तिरधर्मेण धर्मेणोच्चै: स्थितिं भजेत्। तस्मादुच्चै: पदंं वांछन् नरो धर्मपरो भवेत्।। —आदिपुराण : १०-११९ अधर्म से मनुष्य की अधोगति होती है और धर्म से ऊध्र्वगति (ऊँची गति)। अत: जीवन में ऊध्र्वगति चाहने वाले को धर्म का आचरण करना चाहिए।
ग्लान One having diseased body (reg. saint). रोगी साधु अथवा रोग आदि से क्रांत शरीर वाला ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोक्त्रत्व भोग्य भाव :See- Bhokta Bhogya Bhav. देखें – भोक्ता भोग्य भाव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदक सम्यग्दृष्टि –VedakaSamyagdrsti One with destructive subsidential right faith क्षयोपशम सम्यक्त्व वाला जीव “
गरूड़ध्वज Name of a city in the south of Vijayardh mountain. विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संसार विचय – Sansaara Vichaya. Contemplation about the transformable nature of the matter, region, time, realm of the life and emotions. द्रव्य, क्षेत्र, काल, भव एवं भावरूप पंचपरावर्तन के स्वरुप का चिंतन करना “
गर्दतोय A division of special heavenly deities (Laukantik). लौकान्तिक देवों का एक भेद ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकाम – Prakama. Name of the 4th pre-destined Rudra. भविष्यत् कालीन चौथे रूद्र का नाम “