योजन!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योजन – क्षेत्र का प्रमाण विषेश। 4 कोस का एक लघु योजन, दो हजार कोस का एका महायोजन होता है। Yojana-A large measurement unit of area
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योजन – क्षेत्र का प्रमाण विषेश। 4 कोस का एक लघु योजन, दो हजार कोस का एका महायोजन होता है। Yojana-A large measurement unit of area
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विकलेन्द्रिय- Vikalendriya.: Two-sensed, three-sensed or four-sensed beings (deficient-sensed). दो इन्द्रिय ,तीन इन्द्रिय और चार इन्द्रिय जीवों को विकलेन्द्रिय या विकलत्रय कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युक्तासंख्यात – असंख्यात के तीन भेदो में एक भेद, इसके उत्तम, मध्यम जघन्य तीन भेद है। Yuktasamkhyata-A unit of uncountable numbers
गुणनिमित्तक ज्ञान Clairvoyance originated due to the subsidence & destruction of Karmas. गुणप्रत्यय अवधिज्ञान;जो अवधिज्ञान क्षयोपशाम , व्रत ,नियम आदि के कारण होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्ष्मण – राजा दषरथ के पुत्र, राम के भाई, आठवे नारायण, इन्होने कोटिषिला उठाई थी।लक्ष्मण का राम के प्रति भ्रात प्रेम संसार में प्रचलित है। Laksamana-The younger brother of lord Ramchandra
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोजनदान:food donation. साधु आदि को भोजन का दान करना, निर्धन को अन्न आदि दान करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लघुसर्वज्ञ सिद्धि – आचार्य अनंन्तकीर्ति कृत संस्कृत भाशा का न्याय विशयक गं्रथ। Laghusarvajna Siddhi-Name of a book written by Acharya Anantakirti
[[श्रेणी: शब्दकोष]] भोगरति:Involvement in all sensual pleasures constantly. नित्य भोग विलास का सेवन करना “