त्रिपंचाशत् भाव!
त्रिपंचाशत् भाव Fifty three types of subsidential disposition. जीवों के औपशमकादिभाव जो 53 प्रकार के हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिपंचाशत् भाव Fifty three types of subsidential disposition. जीवों के औपशमकादिभाव जो 53 प्रकार के हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
उपलब्धि हेतु Cause of valid cognition, Established hypothesis. प्राप्ति विधि या निषेध रुप हेतु से किसी साध्य को सिद्ध करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीर पर्याप्ति – Sharera Paryaaypti. Formation of assential elements of body. पर्याप्ति के छः भेदों में दूसरा भेद, जिन परमाणुओं को खल्रूप परिणमाया था उनको हाड, रस,रुधिर आदि रूप परिणमावने की कारण भूत जीव की शक्ति की पूर्णता को शरीर पर्याप्ति कहते हैं “
उपभोग Consumption, Enjoyment of non consumable things . वस्त्र अलंकार आदि उपभोग कहलाते हैं अर्थात् भोग करके फिर भोगने योग्य होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आपवादिक लिंग White clothed Digambar Jain ascetics etc. परिग्रह सहित भेष या चिन्ह, आर्यिका (उपचार महाव्रती) ऐकल क्षुल्लक आदि जैनधर्म में दो मार्गं हैं- उत्सर्ग मार्ग और अपवाद मार्ग।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपलक्षण A type of metaphorical expression reg. some indication, Disclosure (of secrets) . चिन्ह विशिष्ट किसी ऐसी बात का ध्वनित होना जो चस्तुतः कही न गई हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपपादज Hellish and heavenly souls – Infernal beings, Indras etc. उपपाद जन्म से उत्पन्न होने वाले देव-नारकी।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपनयाभास Subsequent fallacy, Wrong statement. उपनय का अयथाक्रम से कथन करना अर्थात् उपनय की जगह निगमन का व निगमन की जगह उपनय का कथन करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपकरण संयोगाधिकरण Contrary connection (or mixing) of requisites. ठंडे बर्तन में गर्म वस्तु डालना गर्म में ठंडी वस्तु डालना आदि।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
देवमंत्री Ruling deity of 6th Lunar ‘Pushya’. छठवें नक्षत्र ‘पुष्य’ के अधिपति देवता का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]