उपान्त्य समय!
उपान्त्य समय Instant before the last time . अंतिम से पूर्व का समय।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपान्त्य समय Instant before the last time . अंतिम से पूर्व का समय।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उत्करिकासन तप A type of sitting austerity. कायक्लेश तप का एक भेद-ऊपर को संकुचित होकर बैठना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्द्धमानसागर (मुनि) – Varddhamaanasagar (Muni). Name of a Digamber Jain saint, the disciple of Charitra Chakravarti Acharya Shri Shantisagar ji Maharaj and the elder brother of his house hold life. चारित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शान्तिसागर जी महाराज के गृहस्थावस्था के बड़े भाई ,जिन्हें अत्यंत पुरुषार्थपूर्वक आचार्य श्री ने घर से निकालकर मुनिदीक्षा प्रदान कर…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचचारित्र सिद्ध – Panchachaaritra Siddha. Beings salvated due to five kinds of right conducts (in accordance with Bhutpragyapan Naya). भूतप्रज्ञापन नय की अपेक्षा पंच चारित्र से सिद्ध होने वाले जीव “
उत्कर Wooden sawdust, Powder. आरी से लकड़ी को चीरने पर जो बुरादा निकलता है उसका नाम उत्कर है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विवाहिता स्त्री – Vivahita Stri. Married Woman, accepted ritually. देवशास्त्रगुरु को नमस्कार कर तथा अपने भाई – बन्धुओं की साक्षीपूर्वक जिस कन्या के साथ विवाह किया जाता है वह विवाह स्त्री कहलाती है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव मार्गणा – Bhava Margana. Psychical investigation. जिन भावों के द्वारा जीवों का अन्वेषण किया जाता है “
उच्चपद The supreme place i.e. place of salvation. उच्च स्थान मोक्ष ही उच्च पद है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंकभाग – Pankabhaaga. A part of Ratnaprabha earth of hell. अधोलोक में सबसे पहली रत्नप्रभा पृथ्वी के तीन भागों में दूसरा भाग जो पंक कहलाता है ” भवनवासी असुरकुमार एवं राक्षस जाति के व्यंतर देवों के भवन यहाँ बने हुए है “
ईहावरणीय कर्म An obscurring karma of keen desire or curiosity. जिज्ञासा एंव इच्छाओं को रोकने वाला कर्म जिसके तीव्र क्षयोपशम से पदानुसारी बुद्धि प्राप्त होती है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]