सम्यग्ज्ञानचंद्रिका!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यग्ज्ञानचंद्रिका – Samayagyaanachandrikaa. Name of a great book written by Pandit Todarmal. पं. टोडरमल जी (ई. सन् 1761) कृत अध्यात्म विषयक ग्रंथ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यग्ज्ञानचंद्रिका – Samayagyaanachandrikaa. Name of a great book written by Pandit Todarmal. पं. टोडरमल जी (ई. सन् 1761) कृत अध्यात्म विषयक ग्रंथ।
चूर्णसूत्र Epithet, Aphorism, a short remark which contains a great meaning. अल्प शब्दों में महान अर्थ का धारावाही विवेचन करने वाले पद चूर्णी सूत्र कहलाते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थलगता चूलिका – Sthalagataa Cuulikaa. A geat scriptural part of Drishtivad Anga.दृष्टिवाद अंग के अन्तर्गत चूलिका के 5 भेदो मे एक भेद। इसमे दो करोड़ 9 लाख 89 हजार दो सौ पद है। इसमे पृथिवी के भीतर गमन करने के कारणभूत मंत्र तंत्र और तपश्चरण व वास्तुविद्या तथा भूमि सम्बन्धी अन्य शुभश्षुभ लक्ष्णो का…
उपपत्तिसमा Parity per logical ground. पक्ष व विपक्ष दोनों ही कारणों की वादी और प्रतिवादियों के यहाँ सिद्धि हो जाना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्दश महारत्न Fourteen jewels of Chakravarti (emperor). चक्रवर्ती के १४ रत्न ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्मत्तगुणविहाण कव्व – Sammattagunavihaana Kavvya. Name of a book written in Apabhransh language by Shubhkirti. शुभकीर्ति द्वारा (ई. 1442) रचित अप्रभंष भाषाबद्व काव्य।
उपकरणार्जन Acquisition of means (articles). उपकरण को प्रापत करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समुत्पत्तिक कषाय – Samutpattika Kashaaya. Something passion generating. जो जीव से भिन्न होकर कषाय को उत्पन्न करता है वह समुत्पत्ति कषाय है।