बाह्य तप!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य तप – Bahya Tapa. Austerity related to external things or activities. तप का एक भेद;अनशन , अवमौदर्य, वृत्तिपरिसंख्यान , रसपरि –त्याग, विवित्त्कशय्यासन और कायक्लेश छह प्रकार का है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य तप – Bahya Tapa. Austerity related to external things or activities. तप का एक भेद;अनशन , अवमौदर्य, वृत्तिपरिसंख्यान , रसपरि –त्याग, विवित्त्कशय्यासन और कायक्लेश छह प्रकार का है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यभिचार – Vyabhicara. Immoral character, adultery, Transgression, Violation. कुशील पाप से संबंधित चरित्रहीनता, अतिक्रमण, असंगति ,
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसमय वक्तव्यता – Svasamaya Vaktavyataa. Pertaining to spiritual meanings. वक्तव्यता के तीन भेदो मे एक भेद। जिस शास्त्र मे स्वसमय का ही वर्णन किया जाता है उसे स्वसमय वक्तव्य कहते है और उसके भाव को अर्थात् उसमे रहने वाली विषेषता को स्वसमय वक्तव्यता कहते है।
दीक्षा काल Time period of Diksha (initiation or consecration). दीक्षा ग्रहण वाले आचार्य।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शैवदर्शन – Shaivadarshana. Another name of Shuddhadvait, a doctrine of monism. शुद्धाद्वैत का अपरनाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्णभद्र – Svarnabhadra. Name of the tonk (salvation point) of lord Parshvanath at Sammedshikhar mountain. Name of a summit of Vijayardh mountain and its protecting deity. सम्मेदषिखर मे पर्वत पर भगवान पाष्र्वनाथ की टोंक का नाम, विजयार्ध पर्वत का एक कूट व उसका रक्षक देव।
दिग्गजेंद्र Mountains in Bhadrashal forest in either side of Sumeru mountain in Videh Kshetra (region). विदेह क्षेत्र में सुमेरू पर्वत के दोनों ओर भद्रशाल वन में सीता व सीतोदा नदी के तट पर स्थित दो-दो पर्वत।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सन्यास आश्रम – Sanyaasa Aashrama. The fourth stage of life, period of asceticism. धर्म क्रियाओं के भेद से ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ व सन्यास इन 4 आश्रमों में एक आश्रम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वरुपलय – Svaruupalaya. Engrossment into self. कल्पना जाल को दूर करके चैतन्य आनंदमय स्वरुप मे तल्लीनता।