निश्चय आलोचना!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय आलोचना – Nishchaya – Aalochanaa. Absolute introspection. जीव द्वारा परिणामों को समभाव में स्थापित कर निज आत्मा में तन्मय होना निश्चय आलोचना है”यह मुनि अवस्था में घटित होती है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय आलोचना – Nishchaya – Aalochanaa. Absolute introspection. जीव द्वारा परिणामों को समभाव में स्थापित कर निज आत्मा में तन्मय होना निश्चय आलोचना है”यह मुनि अवस्था में घटित होती है “
दीक्षाविधि Procedure for granting Diksha (consecration or initiation). कृतिकर्म सिद्ध भक्ति, योगि भक्ति, लोंचकरण, नामकरण, नाग्न्य प्रदान,पच्छिका प्रदान, सिद्ध भक्ति आदि विधि। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेतरणी –Vetarani. Name of a river of hell. नरक लोक की नदी ” जो खून , पीप से भरी हुई है और उसमे प्रवेश करने वाले को दाह उत्पन्न कराती है “
दिव्यतिलक A city in the north of Vijayardh mountain. विजयार्थ की उत्तर श्रेणी का एक नगर ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शर्कराप्रभा – Sharkaraaprabhaa. The 2nd land od hell. नरक की दूसरी पृथिवी, अपरनाम वंशा है ” इसकी प्रभा शर्करा के सामान है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्व्याघात – Nirvyaaghaata. Lack of forceful impact or splitting. स्तिथिकाण्डकघात का अभाव निर्व्याघात कहलाता है “
दामोदर (कवि) Name of a poet of the year 1230. ई.सन् 1230 के एक कवि जिन्होंने णमिणाह चरिउ की रचना की । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकोत्तर चेतना –Lokottara Chetana : Right consciousness (of one). ज्ञान या परमार्थ चेतना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वेदिनी कथा – Nirvedini Kathaa. See – Nirvegini Kathaa. देखें – निर्वेगिनी कथा “