मिश्र पाहुड!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्र पाहुड–Mishra Paahud. Gift with animate and inanimate object. प्राभृत; स्वर्ण के साथ हाथी और घोड़े का उपहार रूप से भेजना”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्र पाहुड–Mishra Paahud. Gift with animate and inanimate object. प्राभृत; स्वर्ण के साथ हाथी और घोड़े का उपहार रूप से भेजना”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मिश्र मोहनीय–Mishra Mohneeya. See – Mishra Prakrati. देखे– मिश्र प्रकृति”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मशिरस् – Brahmasiras. Name of a weapon which can make ineffective the another weapon which named as Ashvagriv. अश्वग्रीव नामक शास्त्र को रोकने में समर्थ शस्त्र “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रीपर्वत – Shreeparvata. Name of a mountain of Bharat Kshetra (region). भरत क्षेत्र का एक पर्वत ” लंका को जीतकर राम ने यहाँ का साम्राज्य हनुमान को दिया था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयोगाक्षर – Sanyogaaksara. Combination of syllables i.e. formation of words. अक्षरों के संयोग से बना शब्द “
दक्षिणाग्नि A sacred fire of square fire-pit. चैकोर कुंड की अग्नि । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नंदिगुरु – Namdiguru Name of the writer of ‘Prayashchitta Samuchchaya Tika’ etc. प्रायश्चित्त समुच्चय टिका, प्रायश्चित चूलिका टिका के कर्ता ”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संप्रदान कारक – Sanpradaana Kaaraka. The dative case in grammar. षट्कारकों में चतुर्थ कारक; कर्म जिसे देने में आवे अर्थात् जिसके लिए करने में आवे ” (के लिए, के अर्थ, के वास्ते) “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == निरभिमान : == जो ण य कुव्वदि गव्वं, पुत्तकलत्ताइसव्वअत्थेसु। उवसमभावे भवदि, अप्पाणं मुणदि तिणमेत्तं।। —कार्तिकेयानुप्रेक्षा : ३१३ जो पुत्र—कलत्रादि किसी का भी गर्व नहीं करता और अपने को तृण के समान मानता है, उसे उपशम—भाव होता है। रिद्धीसु होह पणंवा जइ इच्छह अत्तणो लच्छी। —कुवलयमाला : ८५ यदि…