वचनबल!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचनबल – Vachanbala.: See- Vachanprana. देखें – वचनप्राण “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भंग – Bhamga. Division, Alternation, A system of alternative ex-position. खण्ड, अंश; भेद ” एक संख्या रूप प्रकृतियों में प्रकृतियों का बदलनां ” स्याद्वाद शैली के अनुसार प्रत्येक पदार्थ विरोधी अनेक धर्मयुगलों का पिंड भंग है ” प्रत्येक धर्म का वर्णन उसके प्रतिपक्षी धर्म की अपेक्षा से अस्ति (विधि) नास्ति (निषेध) और…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्यमान बीस तीर्थकर – Vidyamana Bisa Tirthamkara. The 20 Tirthankaras (Jaina-Lords) situated in videh Kshetra (region). ५ मेरु संबंधी ५ विदेह क्षेत्रों में बीस तीर्थकर सतत् विद्यमान रहते हैं, उनके नाम – सीमंधर, युगमन्धर, बाहु, सुबाहु, संजात, स्वयंप्रभ, ऋषभानन, अनंतवीर्य, सुरिप्रभ, विशालप्रभ, व्रजधर, चन्द्रबाहु, भुजंगम, ईश्वर, नेमिप्रभ, वीरसेन, महाभद्र, देवयश, अजितवीर्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन (अनृत) – Vachan (Anrta).: False speech or words. असत्य वचन ; मर्मछेदी, कलहकारी, हास्य, भय , लोभ, क्रोध, द्वेष आदि को उत्पन्न करने वाले वचन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्क्रिय परमाणु – Nishkriya Parmaanu. Inactive particales. क्रिया रहित परमाणु “
देवगुरू A Digambar Jain saint possessing supernatural power. एक चरण ऋद्धिधारी मुनि इन्होंने अंतिम समय में वानर को णमोकार मंत्र सुनाया था जिससे मरकर वह सौधर्म स्वर्ग में चित्रांगद नामक देव हुआ था।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वन्दनीय –Vandaniya.: Praiseworthy , Worthy of honour , Adorable . विनय ,नमस्कार के योग्य “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव नपुंसक – Bhava Napumsaka. Psychologically neutral (sexually) one. जो भाव से न स्त्री रूप है न पुरुष रूप है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निषद्या परिषय जय – Nishadyaa Parishaha Jaya. To endure the afflictions caused by the postures of meditation. तपस्या काल में एक आसन से स्थिर रहने से उत्पन्न वेदना-उपसर्ग आदि को सहन करना “