भास्कर वेदांत!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भास्कर वेदांत – Bhaskara Vedanta. A particular philosophy (“Everyone gets en- grossed into Brahma after death”). द्वैताद्वैत; संसार में जीव अनेक हैं किन्तु मुक्त होने पर सब ब्रम्ह में लीन हो जाते हैं ऐसा मानना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भास्कर वेदांत – Bhaskara Vedanta. A particular philosophy (“Everyone gets en- grossed into Brahma after death”). द्वैताद्वैत; संसार में जीव अनेक हैं किन्तु मुक्त होने पर सब ब्रम्ह में लीन हो जाते हैं ऐसा मानना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बलिदत्त- सुपाश्र्वनाथ भगवान के मुख्य गणधर का नाम। (अपरनाम-बल, बलि, बलदत्त)। Balidatta- name of the chief discipline of lord suparshvanath.
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाववान् – Bhavavan. Something having volitional quality. परिणाम मात्र; परिणामी होने से सभी द्रव्य भाववान हैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर कृति Sentence showing mutual contradiction. जो वाक्य मनुष्यों के कर्मो में परस्पर विरोध दिखावे उसे ’परकृति’ कहते है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकीर्णक तारे – Prakirnaka Tare. Scattered stars. ज्योतिषी देवों का एक भेद, ये आकाश में बिखरे हुए रहते हैं और यह चर और अचर के भेद से दो प्रकार के होते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बाल- मिथ्या दृष्टि आदि को अज्ञानी अथवा बाल कहते है। Bala- Child, immature, ignorant one (wrong believer)
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परंपरा:Tradition, Custom, Sequence.एक के बाद दूसरा, अविछिन्न, श्रृंखला ।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव पाप – Bhava Papa. Subjective vices or sins. मन से होने वाले ५ पाप या पाप रूप परिणाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्मासन:A Posture of meditation, Specific sitting posture related to Yoga. ध्यान का आसन सीधे बैठकर बायां पैर दाहिनी जांघ पर व दाहिना पैर बांई जांघ पर रखकर बाएं हाथ की हथेली पर दाहिने हाथ की हथेली रखना ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यथाख्यात विहार-शुद्धिसंयत–Yathakhyat Vihar–Shuddhi Sanyat. Those at the 11th, 12th, 13th or 14th stages of spiritual development. 11, 12, 13, 14वे गुणस्थान में पाये जाने वाले जीव यथाख्यात विहार शुद्धि संयत कहलाते है” अथवा जो यथाख्यात चारित्र वाले होते हुए शुद्धि प्राप्त संयत है”