चारूकीर्ति!
चारूकीर्ति An Acharya of Nandisangh. नंदिसंह के एक आचार्य का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चारूकीर्ति An Acharya of Nandisangh. नंदिसंह के एक आचार्य का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यशस्तिलकचंद्रिका–Yashastilakchandrika. Name of a commentary book. सोमदेवकृत यशस्तिलक चम्पू की श्रुतसागर (ई. 1480–1499) कृत एक संस्कृत टीका”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभवचनयोग – Shubha Vachanayoga. Auspicious saying or speech. सत्य, हित, मित, प्रिय वचन बोलना आदि शुभ वचन योग है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग स्तोत्र –VitaragaStotra. Name of a Sanskrit spiritual hymn. एक आध्यात्मिक संस्क्रत स्तोत्र ” शिवं शुध्द बुध्दं …………. चिदानंद रूपं णमो वितरागं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ तैजस शरीर – Shubha Taijasa Shareera. Auspicious lustrous body possessed by super saints. ऋद्धिधारी मुनियों के औदारिक शरीर से उत्पन्न होने वाला तेज़ और प्रभागुण से युक्त शरीर “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यंतरदेव –Vyaintaradeva. Peripatetic deities ( Bhoot, Pishach etc.). किन्नर, किम्पुरुष, महोरग, गंधर्व, यक्ष, राक्षस, भुत और पिशाच ये ८ प्रकार के व्यंतर देव कहलाते हैं ” ये वैकिर्यिक शरीर के धारी होते हैं एवं इनके असंख्य भवनों में जिनमंदिर होते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ उपयोग – Shubha Upayoga. Auspicious and right conduct. दया, दान, पूजा, व्रत, शील आदि रुपराग और चित्त-प्रसाद रूप परिणाम होना शुभोपयोग है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुलोचन -Sulochana. One with attracting eyes, The 20th son of king Dhritrashtra. सुन्दर नेत्रों वाला, राजा धृतराष्ट्र एवं रानी गांधारी का 20 वाॅं पुत्र ।
चतुर्दश मार्गणा Fourteen ways of soul quest. १४ मार्गणा ; गति , इन्द्रिय , काय , योग , वेड , कषाय ,ज्ञान ,संयम ,दर्शन , लेश्या , भाव्यत्व , सम्यक्त्य्व , संज्ञित्व , आहार ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समय भूषण – Samaya Bhooshana. Name of a composition composed by Acharya Indranandi. आचार्य इन्द्रनंदि (ई.श. 10-11) की एक रचना।