उत्तर व्रत!
उत्तर व्रत Subsidiary vows (secondary). श्रावक के मूलगुण 8 होते हैं अहिंसादि 12 व्रत उत्तर व्रत हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उत्तर व्रत Subsidiary vows (secondary). श्रावक के मूलगुण 8 होते हैं अहिंसादि 12 व्रत उत्तर व्रत हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हिमनाष – Himanaasa. Deformation of ice, cause of asceticism of Lord Shitalnath. बर्फ का पिधल जाना (यह तीर्थकर शीतलनाथ की वैराग्य उत्पत्ति का कारण था)।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पर भाव:Passionate feelings contrary to the real nature of soul.परचतुष्टय में एक, अनंत ज्ञानदर्शनादि आत्मभवों के अतिरिक्त अन्य सभी राग-द्वेषादि विभाव परभाव है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] हास्य वेदनीय कर्म प्रकृति – Haasya Vedaniya karma Prakrti. The Karmic nature causing laughing or ridiculous feelings. मोहनीय कर्म की प्रकृति। जिस कर्म के उदय से जीव के हास्य निमित्तक या हंसी रुप भाव उत्पन्न होते है।
उत्कृष्टयुक्तानंत An uncountable number. जघन्य अनंतानंत की संख्या से एक कम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हर्ष – Harsa. Happiness, pleasure, name of the predestined 3rd Rudra (saint trainted from the real path). प्रसन्नता, भावीकालीन तीसरा रुद्र।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरिदवे (कवि) – Harideva (Kavi). Name of an Apabhransh poet, the writer of ‘Mayanparajaya Cariu’. चंगदेव की सप्तम पीढ़ी मे उत्पन्न, मयणपराजय चरिउ के रचयिता एक सद्गृहस्थ अपभं्रष कवि।
उत्कृष्ट विभक्ति Highest division. समस्त निषेकों के प्रदेशों के काल को उत्कृष्ट स्थिति विभक्ति कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हरि क्षेत्र – Hari Ksetra. Name of the third region of Jambudvip (island) among all 7. जम्बूद्वीप के 7 क्षेत्रो मे तीसरा क्षेत्र, यहाॅ मध्यम भोगभूमि है।