देयद्रव्य!
देयद्रव्य Matters to be added into Nishek and Krishti (specific Karmic aggregate). देने योग्य पदार्थ (व्यवहारिक अर्थ) जो द्रव्य निषेकों व कृष्टियों आदि में जोड़ा जाता है, उसे देय द्रव्य कहते हैं। (सैद्धान्तिक अर्थ)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
देयद्रव्य Matters to be added into Nishek and Krishti (specific Karmic aggregate). देने योग्य पदार्थ (व्यवहारिक अर्थ) जो द्रव्य निषेकों व कृष्टियों आदि में जोड़ा जाता है, उसे देय द्रव्य कहते हैं। (सैद्धान्तिक अर्थ)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिंद्र – pratimdra Title for the secondary indras मुख्य इन्द्र के पश्चात् द्वितीय श्रेणी के इन्द्र।
दृष्टिभेद Differences in view or vision. विचारों में या दृष्टिकोण में भेद, या अंतर होना ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्य – Brahma. A ruling demigod of Lord Pushpdant, The all pervading spirit of the universe, The supreme soul. तिलोयपण्णति के अनुसार पुष्पदंत भगवान का शासक यक्ष , कहीं इनका नाम अजितदेव भी आता है ” शब्द; समस्त वस्तुओं को प्रकाश करने वाला और स्यात् पद से चिहिृत शब्द ब्रह्म है ,…
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वस्तिक – Svastika. Name of Diggajendra mountain in Bhadrashal forest situated in Videh Kshetra (region). Name of summits situated at Vidyutprabh Gajdant & Ruchak mountains, name of a governing deity of maniprabh summit of Kundal mountain. विदेह क्षेत्र मे स्थित भद्रषाल मे एक दिग्गजेन्द्र पर्वत, विद्युत्प्रभ गजदत्तस्थ व रुचक पर्वतस्थ एक-एक कूट, कुण्डल पर्वतस्थ…
दुष्प्रयुक्त निक्षेप Involvement in wicked and vicious activities. अजीवाधिकरण का एक भेद मन वचन काय की दुष्टता पूर्वक प्रवृत्ति करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == धर्म : == धम्मो वत्थुसहावो। —कर्तिकेयानुप्रेक्षा : ४७८ वस्तु का अपना स्वभाव ही उसका धर्म है। धर्मो बंधुश्च मित्रञ्च धर्मोऽयं गुरुरंगिनाम्। तस्माद् धर्मे मिंत धत्स्व स्वर्गमोक्षसुखदायिनि।। —आदिपुराण : १०-१०९ धर्म ही मनुष्य का सच्चा बंधु है, मित्र है और गुरु है। इसलिए स्वर्ग एवं मोक्ष के सुख देने…
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्णमयी – Svarnamayii. The 7th circumference of Sumeru mountain. सुमेरु पर्वत की सातवीं परिधि जो सुवर्णमयी है।
दुर्योधन The eldest son of Dhritrashtra. घृतराष्ट्र का पुत्र दुःशासन आदि सौ भाइयों का अग्रज।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
लक्ष्मी [[श्रेणी:शब्दकोष]] लक्ष्मी – षिखरी पर्वत पुण्डरिक हद की स्वामिनि दिक्कुमारी देवी, ये गर्भावस्था मे जिनमातर की सेवा करती है। Laksmi-name of a female divinity of large pond situated at Shikhari Mountain