विडौषधि ऋद्धि!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विडौषधि ऋद्धि –Vidaushadhi Riddhi.: A supernatural power-curing the diseases of beings with excreta of saints. जिसके प्रभाव से साधु का मल-मूत्र भी जीवों के रोगों को नष्ट करने में समर्थ होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विडौषधि ऋद्धि –Vidaushadhi Riddhi.: A supernatural power-curing the diseases of beings with excreta of saints. जिसके प्रभाव से साधु का मल-मूत्र भी जीवों के रोगों को नष्ट करने में समर्थ होता है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंडित: Including, A city situated in the south of Vijayardh mountain. सहित, समन्वित, विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव विचय – Bhava Vichaya. Religious contemplation or meditation. धर्म ध्यान; चेतन-अचेतन पदार्थों के स्वभाव का विचार करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विजयद्वार – Vijayadvaara.: The east door of the rampart of Jambudvip (island). जम्बूद्वीप की जगती (कोट ) का पूर्व द्वार “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मंगल द्रव्य : Auspicious articles like fly-whisk, pitcher, parasol etc. जिन प्रतिमा के समीप रहने वाले अष्ट मंगल द्रव्य – पंखा, छत्र, चमर, ध्वजा, दर्पण, सुप्रतिष्ठ, भृंङार, कलशये 8 मुख्य रूप से मंगल द्रव्य हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विचिकित्सा – Vichikitsaa.: Aversion,disgust,antipathy,hatred (a fault of right perception). ग्लानि ,घृणा “साधुओं को मलिन देखकर उनसे घृणा करना ” यह सम्यग्दर्शन का एक दोष है “
तीर्थंकर- जो धर्मतीर्थ का प्रवर्तन करते हैं वे तीर्थंकर कहलाते हैं । या 24 Lords of Jaina; propagator of eternal religion. संसार सागर को स्वयं पार करने तथा दूसरों को पार कराने वाले महापुरूष धर्मतीर्थ के प्रवर्तक , पंचकल्याणकों से पूजित , प्रत्येक कल्प (चतुर्थ काल) में वे 24 होते है। जैसे – वर्तमान काल…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] विक्रम संवत् – Vikrama Sanvat.: An era established after 470 years of the salvation of Lord Mahavira. वीर निर्वाण के 470 वर्ष पश्चात् राजा विक्रमादित्य के नाम पर शुरू हुआ संवत “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्ध परिणाम – Shuddha Parinaama. Passionless (pure) sentiments, volition of disattachment from the world. रागद्वेष रहित वीतराग भाव “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विद्युत्कुमार – Vidyutkumara. A type of residential deities. भवनवासी के १० भेदों में एक भेद ” यह रत्नप्रभा पृथिवि के खरभाग में रहते हैं “