गति-अगति(सामान्य)!
गति-अगति(सामान्य) Probability of getting any body form (Gati) by transmigration. किस स्थान से नारकर किस गति में जीव उत्पन्न हो सकता है और किसमें नहीं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गति-अगति(सामान्य) Probability of getting any body form (Gati) by transmigration. किस स्थान से नारकर किस गति में जीव उत्पन्न हो सकता है और किसमें नहीं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्वदिशा – Poorvadishaa. East-direction (for conducting relegious observances etc. all auspicious deeds). एक शुभ दिशा, सूर्योदय वाली दिशा, पूएव दिशा में मुख करके कृतिकर्म सामायिक आदि करना चाहिए “
गंगास्नान To take bath in the ganga river. गंगा नदी में जाकर स्नान करना । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुमिनाश – Bhuminasha. Destruction of whole earth (before 49 days at the end of pancham kal. पंचम काल के अंत में ४९ दिन तक कुवृष्टियां होने से भूमि जलकर नष्ट हो जाति है इसे भुमिनाश कहते हैं “
देवकृत अतिशय Fourteen excellences (extraordinary occurrences) of Lord Arihant (done by deities). तीर्थंकरों के 34 अतिशयों में से 14 अतिशय जो देवों द्वारा किये जाते हैं, जैसे- संख्यात योजनों तक वन असमय में ही पत्र, फूल और फलों की वृद्धि से संयुक्त हो जाते हैं, कंटक और रेती आदि को दूर करती हुई सुखदायक वायु…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकाश – Prakasha. illamination, Light. Brilliance, Lustre. उजाला – सूर्य, चंद्रमा, विधुत, ज्ञान इत्यादि का प्रकाश “
देवता Lord, Deities, Celestial beings. अर्हंत ; सिद्ध आदि भगवान अथवा स्वर्ग में रहने वाले देव। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
खड्गपुरी A main city of Avarta country of east Videh (region). पूर्व विदेह में स्थित आवर्ता देश की मुख्य नगरी ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति विभाग (मूल/उत्तर ) – Prakrti Vibhaga (Mula/Uttara). Division of karmic natures (primary/second- ary). कर्म प्रक्रतियां के भेद; मूल कर्म प्रक्रतियां ८ एवं उत्तर कर्म प्रक्रतियां १४८ हैं “