तोयस्तम्भिनी!
तोयस्तम्भिनी A supernatural power of propping water. जल का स्तम्भन करने वाली एक विद्या, रावन ने यह सिद्ध की थी। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तोयस्तम्भिनी A supernatural power of propping water. जल का स्तम्भन करने वाली एक विद्या, रावन ने यह सिद्ध की थी। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == मरण : == एकं पण्डितमरणं, छिनत्ति जातिशतानि बहुकानि। तद्मरणे मत्र्तव्यं, न मृत: सुमृत: भवति।। —समणसुत्त : ५७० एक पंडित मरण (ज्ञानपूर्वक मरण) सैकड़ों जन्मों का नाश कर देता है। अत: इस तरह मरना चाहिए, जिससे मरण सुमरण हो जाए। एकं पण्डितमरणं, प्रतिपद्यते सुपुरुष: असम्भ्रान्त:। क्षिप्रं स मरणानां, करिष्यति…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचास्तिकाय – Panchaastikaaya. A great treatise written by Acharya Kund-kund. आचार्य कुन्द-कुन्द (ई.127-179) द्वारा रचित ग्रंथ “
दश द्वार Ten means of air–exit in the body. प्राणायाम करी वायु निकलने के सूक्ष्म छिद्र तालुन्ध्र।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बालयती – Balayati. A celibate saint from childhood. अविवाहित रहकर जो कुमार अवस्था मे ही दीक्षा धारण कर लेते हैं, ऐसे मुनि ” चौबीस तीर्थकरो मे से पाँच तीर्थकर (वासुपूज्य, मल्लिनाथ,नेमिनाथ, पाश्रृनाथ व महावीर स्वामी) बालयती हुए है “
एकत्व भावना Feeling of unitariness (reg. difference in soul & family etc.). कुटुम्ब परिवार आदि को आत्मा से भिन्न करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयम – Sanyama. Abstinence, Restraints, Mortification. व्रत समिति आदि रूप से प्रवर्तना अथवा विशुद्धात्मध्यान में प्रवर्तना संयम है ” 5 इन्द्रिय और मन का वशीकरण तथा षट्काय के जीवों की रक्षा करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाणप्रस्थ – Vaanaprastha.: The third progressive spiritual stage of mundane life. वानप्रस्थ आश्रम ;सप्तम प्रतिमाधारी से लेकर 11वीं उद्दिष्ट प्रतिमाधारी तक उत्कृष्ट वाणप्रस्थ खंड वस्त्रधारी क्षुल्लक व ऐलक हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचाध्यायी – Panchaadhyaayee. A book written by Pandit Rajmal ji. पं. राजमलजी (ई. 1593) कृत एक संस्कृत ग्रंथ “
तोलामुलितेवर Name of an Acharya (writer of ‘Chulamani’). ई.श.7 से पूर्व के एक आचार्य जिन्होंने चूलामणि नामक ग्रंथ की रचना की । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]