सराग श्रमण!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सराग श्रमण – Saraaga Shramana. Saints with auspicious attachments. अशुभ राग से रहित, व्रत आदि के शुभ राग से सहित मुनि सराग श्रमण कहलाते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सराग श्रमण – Saraaga Shramana. Saints with auspicious attachments. अशुभ राग से रहित, व्रत आदि के शुभ राग से सहित मुनि सराग श्रमण कहलाते है।
चिंतामणि यन्त्र A metallic plate engraved with some auspicious and mystic words. मंत्र लिखित एक धातु की प्लेट।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यग्मिथ्यात्व प्रकृति – Samyagmithyaatva Prakriti. Right-cum-wrong Karmic nature related to faith. दर्शन मोह की दूसरी प्रकृति जिसके उदय से यथार्थ व मिथ्या दोनो प्रकार का मिश्रित श्रद्वान है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रावण – 8 वा प्रतिनारायण राजा रत्नश्रवा व रानी कैकसी का पुत्र अपरनाम दषानन। यह लंका का राजा था इसकी 18 हजार रानियां थी। जैन धर्म के अनुसार सीता का हरण कर नारायण लक्ष्मण के हाथों मरकर तीसरे नरक गया। Ravana-The 8th Pratinarayan, The son of the king ratnasharva his other name was dashanan
चातुर्मासिक प्रतिक्रमण See – Caturmåsika Pratikrama¿a. देखें-चतुर्मासिक प्रतिक्रमण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष भाव विधान – Sparssana Bhaava Vidhaana. A type of Anuyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्ष अंतर विधान।
त्रायस्त्रिंश Thirty three, A type of deities (33 in number). तैंतीस , 33, देवों के इन्द्र, सामानिक आदि दस भेदों में से एक भेद । इनकी संख्या 33 है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेद – Veda Gender. लिंग ” स्त्री लिंग , पुरुष लिंग, नपुंसक लिंग”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्पर्ष गति विधान – Sparssa Gati Vidhaana. type of anyyogdwar (disquisition door).देखे- स्पर्श अंतर विधान।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रात्रिक पूजा – त्रैकालिक पूजा का एक प्रकार अर्थात रात्रि में पूजा करना। सागार धर्मामृत ग्रंथों में श्रावको के लिए तीनों संध्याओं में पूजन करने का विधान है। Ratrika Puja-A kind of Traikalik worshiping, worshiping the lord in night time