चौइंद्रिय!
चौइंद्रिय Four sensesd beings (reg. tasting, touching, smelling, seeing). स्पर्श , रसना , घ्राण , चक्षु इन्द्रिय वाले जीव चौइंद्रिय कहलाते हैं . कर्णइन्द्रिय , मन को छोड़कर इनके ८ प्राण होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चौइंद्रिय Four sensesd beings (reg. tasting, touching, smelling, seeing). स्पर्श , रसना , घ्राण , चक्षु इन्द्रिय वाले जीव चौइंद्रिय कहलाते हैं . कर्णइन्द्रिय , मन को छोड़कर इनके ८ प्राण होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वदोष त्याग – Sarvadosa Tyaaga. A great vow, complete renunciation of all 5 sins (violence, stealing etc.). महाव्रत। हिंसादि 5 पापों का पूर्णतः त्याग करना, इसका पालन मुनि करते है।
उग्रादित्य Name of a Brahmin leader. पूर्वार्द्ध के एक ब्राह्मण (ई.सन् 828) जिन्होंनं कल्याणकारक नामक एक वैद्यक ग्रंथ लिखा।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्पगुप्त – Sarvagupta. The spiritual teacher or Acharya Shivkoti name of the 26th chief disciple of Lord Rishbhdev, Name of the spiritual teacher of Acharya Mitranandi and an omniscient saint. भगवान आराधना के रचयिता आचार्य शिवकोटी के गुरु थे। समय ई.श. 1 का पूर्वपाद, भगवान वृषभदेव के 26 वें गणधर। आचार्य मित्रनंदि के गुरु।…
चित्रप्रभा A Patal (layer) of Saudharma heaven. सौधर्म स्वर्ग का एक पटल ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सराग सम्यग्दर्शन – Saraaga Samyagdarshana. Right perception with auspicious attachments. प्रशम, संवेग, अनुकम्पा और आस्तिक्य आदि गुणेां की अभिव्यक्ति लक्षणवाला सराग सम्यग्दर्षन है। प्रश्न (षुभ) राग सहित जीवो का सम्यत्तव सराग सम्यग्दर्शन हैं।
दूर दर्शित्व ऋद्धि A supernatural power of super-distantial attainment of vision. जिस ऋद्धि के प्रभाव से साधु को चक्षु इन्द्रिय के उत्कृष्ट विषय क्षेत्र से भी संख्यात योजन दूर स्थित वस्तु को देखने की सामथ्र्य प्राप्त होती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चिंताजननी Name of a jewel ‘Kankini’ of Chakravarti (emperor) used for lightening. चक्रवर्ती के १४ रत्नों में ‘ कंकिणी’ अजीव रत्ना , इससे अन्द्कार दूर किया जाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यक्तव भावना – Samyaktva Bhaavanaa. Seven particular right reflection or volitions. संवेग, प्रषम, स्थैर्य, असंमूढ़ता, अस्मय, आस्तिक्य और अनुकम्पा ये 7 सम्यक्तव की भावनाएॅ है।