धर्मशर्माभ्युदय!
धर्मशर्माभ्युदय Name of two books (1) written by poet Asag (2) written by poet Harichand. कवि असग (ई. 988) कृत धर्मनाथ तीर्थंकर चरित, कवि हरिचन्द (ई. 10 का मध्य) कृत एक संस्कृत काव्य। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धर्मशर्माभ्युदय Name of two books (1) written by poet Asag (2) written by poet Harichand. कवि असग (ई. 988) कृत धर्मनाथ तीर्थंकर चरित, कवि हरिचन्द (ई. 10 का मध्य) कृत एक संस्कृत काव्य। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
जघन्य धर्मध्यान Religious observances of lowest kind. उत्तम, माध्यम , जघन्य में धर्मध्यान का तीसरा भेद . यह चौथे -पांचवे गुणस्थान में घटित होता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रागभाव- पूर्व पर्याय में वर्तमान पर्याय का जो अभाव है उसे प्रागभाव कहते है। जैसे- आटे मे रोटी का अभाव। Pragabhava- Prior non-existence of something
धर्म भावना See – Dharma Anuprek¼å. देखें – अनुप्रेक्षा । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बलाधानहेतु- शक्ति सम्पन्न कारण; सुख-दुख की उत्पत्ति में कर्म बलाधान हेतु है। Baladhanahetu- Karmas causes bliss & pain
धर्मघोष A writer of ‘Chintamani Parshvanath Kalp’ etc. चिंतामणी पाश्र्वनाथ कल्पादि के कर्ता। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
धरणीतिलक A city of Bharat Kshetra (region), A city in the south of Vijayardh mountain. भरतक्षेत्र का एक नगर, विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का एक नगर।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बर्हिध्वज- मयूराकृतियों से चिन्हित ध्वजाएं। Barhidvaja- A kind of flags having mark of peacock
धनराशि Set of positive quantity, Quantity which is to be added into the principal amount. जिस राशि को मूल राशि से जोड़ा जाये वह धनराशि कहलाती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयोगी भाव – Sanyogi Bhaava. Passionful sentiments caused by synthetical relation with substances. रागादी भाव जो पुद्गल के संयोग से उत्पन्न होते हैं “