दंषमशक – परीषह!
दंषमशक – परीषह To tolerate insect-bite affliction. 22 परीषह में एक परीषह , मच्छर , मक्खी, बिच्छू, चींटी आदि के द्वारा की गयी बाधा को बिना प्रतिकार किये सहन करना एंव मन, वचन, काय से उनको बाधा न पहुंचना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दंषमशक – परीषह To tolerate insect-bite affliction. 22 परीषह में एक परीषह , मच्छर , मक्खी, बिच्छू, चींटी आदि के द्वारा की गयी बाधा को बिना प्रतिकार किये सहन करना एंव मन, वचन, काय से उनको बाधा न पहुंचना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंधस्वामित्व- कर्म सिद्धान्त विषयक एक ग्रंथ। Bandhasvamitva- Name of a book
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भवनवासी देव – Bhavanavasi Deva. Residential celestial beings. चतुर्निकाय के देवों में प्रथम निकाय के देव, ये १० प्रकार के होते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संकर दोष – Sankara Dosa. Hybridisation- a fault. किसी धान्य, फल, पुष्प अथवा जाति में दो भिन्न-भिन्न प्रकार की वस्तु या जाति के सम्मिश्रण से संकर दोष होता है ” जैसे दो प्रकार की गुलाब की कलम का मिश्रण कर लगाने से तीसरे रंग का पैदा हुआ गुलाब संकर कहलाता है “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यश–Yash. Fame, name of a summit situated at Ruchak mountain. प्रसिद्धि, रुचक पर्वत पर स्थित एक कूट”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशेषण – Visheshana. Adjective – a qualifying word. गुणवाचक शब्द, गुण, विशेषता ” वह शब्द जो किसी दूसरे शब्द की विशेषता प्रकट करता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षण्णवति प्रकरण – Sannavati Prakarana. Name of a book written by Acharya Somsen. आचार्य सोमसेन (ई. 943-968) कृत न्याय विषयक एक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बंधपरिणाम- जीव के बंध योग्य कषाय आदि परिणाम। Bandhaparinama- passions etc. – causes of binding of karmas
त्रिकालज्ञता To have unlimited knowledge of present, past and future. तीनों कालों का ज्ञान होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृषावाद–Mrashavaad. False word or utterance, Untruism, a False theory. असत्य कहना”