उत्सन्न!
उत्सन्न Extinct, Ruined. नष्ट उजड़ा हुआ विलुप्त।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आलोक Light, Whole world, Vision. प्रकाश, लोकपर्यंत, आलोक का दर्शन भी है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षोडश स्वप्न (चक्रवर्ती) – Sodasha Svapna (Cakravartee). Sixteen different symbolic dreams seen by Bharat Chakravarti (an emperor). भरत चक्रवर्ती के 16 स्वप्न- पर्वत पर 23 सिंह, सिंह के साथ हिरणों का समूह, हाथी के ऊपर बैठा बंदर, अन्य पक्षियों द्वारा त्रसित उल्लू, आनंद करते भूत, मध्यभाग में सूखा तालाब, मलिन रत्नराशि, कुत्ते का नैवेद्य…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैयावृर्त्ति –Vaiyavrtti Pious service to the saints. साधूसुश्रूषा, सेवा, उपचार, गुरु के अनुकूल परवर्ती करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] षड् रस – Sadrasa. Six particular kinds of delicacies (milk, curd, ghee, oil, salt, sugar). 6 रस- दूध, दही, घी, तेल, नमक, मीठा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रासुक परित्याग- दया बुद्धि से साधुओं के द्वारा किये जाने वाले ज्ञान, दर्षन, चारित्र के दान का नाम प्रासुक परित्याग है। Prasuka parityaga- Preaching of right faith, right knowledge & right conduct by jaina saints
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संभाषण – Sanbhaashana. Conversation, Dialogue. कथोपकथन, बातचीत “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्वेताम्बर संघ – Shvetaambara Sangha. Group of Shvetambar Jain saints. गोपुच्छक, श्वेताम्बर, द्रविड़, यापनीय, निष्पिच्छ इन 5 जैनाभासी संघो में एक संघ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रोत्रज मतिज्ञान – Shrotraja Matigyaana. Sensory knowledge acquired through speech. सुनकर प्राप्त किया गया ज्ञान “
आतपन Fourth layer (Patal) of the third hell. तीसरे नरक का चैथा पटल।[[श्रेणी:शब्दकोष]]