रत्नत्रयकथा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नत्रयकथा – आचार्य पùनंदी (इ्र, 1280 – 1330) कृत एक संस्कृत ग्रंथ Ratnatrayakatha-Name of a boom written by acharya Padmanandi
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नत्रयकथा – आचार्य पùनंदी (इ्र, 1280 – 1330) कृत एक संस्कृत ग्रंथ Ratnatrayakatha-Name of a boom written by acharya Padmanandi
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हेतुमत – Hetumata. A causative principle. जिस मत मे प्रमाण व नय के द्वारा वस्तु की सिद्वि की जाये वह मत हेतुमत कहलाता है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमानंद :Ecstasy, Ultimate bliss, Another name of Mokshmarga-Path of Salvation.उत्कृष्टतम आनंद, निश्चय मोक्षमार्ग का अपरनाम ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युग्म – जुडवा सम इसके कृतयुग्म और बादरयुग्म दो भेद है कृतयुग्म जो राषि चार से अवहत होती है। बादरयुग्म जिस राषि को चार से अवहन करने पर दो षेश बचता है। Yugma-Pair, Even number
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हीनाधिक मानोन्मान – Hiinaadhika Maanonmaana. An infraction of vow of non-stealing, dishonesty in measurement (imperfect weighing or measuring matters). अचैर्यव्रत का एक अतिचार। माप-तौल से कम वस्तु देना और अधिक लेना।
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमऋषि : Lord Arihant, the supreme authority.केवलज्ञानी अहंत भगवान परमऋषि कहलाते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रतिशेणा – पùप्रभु भगवान के समवषरण की गणिनी आर्यिका का नाम Ratisena-Name of the chief Aryika (Ganini) in the Samavasharan of lord Padmaprabhu
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हिंसादान – Himmsaadaana. Supply of violent materials. अनर्थदण्ड का एक भेद। ंिहंसा के कारणभूत अस्त्र-शस्त्र, अग्नि आदि उपकरणो को देना। ंिहंसादांन नामक अनर्थदण्ड है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लतावक्र – कायोत्सर्ग का एक अतिचार लता की भांति इधर उधर हिलना। Laatvakra-An infraction of meditative relaxation (Shaking of the body)
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हस्तकर्म – Hastakarma. Works to be performed by hand. छेदन, भेदन, पीसना, बांधना, खोदना, फाड़ना, धोना, रंगना आदि हाथ से किये जाने वाले कार्य संक्लिष्ट हस्तकर्म कहलाते है।