वागर्थसंग्रह!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वागर्थसंग्रह – Vaagarthasangraha.: Name of a treatise composed by the poet Parmeshthi containing the life sketch of 63 great personalities. कवि परमेष्ठी कृत एक संस्कृत ग्रन्थ ” इसमें 63 शलाका पुरुषों का वर्णन है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वागर्थसंग्रह – Vaagarthasangraha.: Name of a treatise composed by the poet Parmeshthi containing the life sketch of 63 great personalities. कवि परमेष्ठी कृत एक संस्कृत ग्रन्थ ” इसमें 63 शलाका पुरुषों का वर्णन है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचविंशति – Panchvinshti. A number – twenty five (special types of restraints of Upadhyaya). 25; उपाध्याय के विशेष गुण अर्थात् 11 अंग व 14 पूर्व का ज्ञान “
त्रिसंयोगीस्थान प्ररूपणा Particular representation of different karmic nature. कर्म प्रकृतियों का उदय आदि की अपेक्षा विशेष निरुपण। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == श्रमण धर्म : == आहारमिच्छेद् मितमेषणीयं, सखायमिच्छेद् निपुणार्थबुद्धिम्। निकेतमिच्छेद् विवेकयोग्यं, समाधिकाम: श्रमणस्तपस्वी।। —समणसुत्त : २९१ समाधि का अभिलाषी तपस्वी श्रमण परिमित तथा एषणीय आहार की ही इच्छा करे, तत्त्वार्थ में निपुण (प्राज्ञ) साथी को ही चाहे और विवेकयुक्त अर्थात् विविक्त (एकान्त) स्थान में ही निवास करे। दानं पूजा…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचभावना – Panchabhavanaa. Five kinds of auspicious sentimemtsls related to austerity, knowledge etc. तपोभावना, श्रुतभावना, सत्त्व भावना, एकत्व भावना और धृतिबल भावना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वस्त्रांग – Vastraanga.: A type of wishfulfilling trees providing desired clothes. 10 प्रकार के कल्पवृक्षों में एक प्रकार के वृक्ष जो इच्छित वस्त्र देते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचनमस्कार मंत्र माहात्म्य – Panchanamaskaara Mantra Maahaatmya. A story written by AcharyaSinhnandi about the greatness of Namokar mantra. आचार्य सिंहनन्दी (ई.श. 16) कृत एक कथा “
चतुर्णिकाय Four types of deities. भवनवासी, व्यन्तर , ज्योतिश्का , वैमानिक इन ४ निकायों के देव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वसुधारक – Vasudhaaraka.: Grainary or store house, one of the dominions of Chakravarti (emperor) Bharatesh. चक्रवर्ती भरतेश की विभूति कोठार का नाम “
उभयसारी ऋद्धि Bilateral purity in words and its meaning. पदानुसारी बुद्धि ऋद्धि का एक भेद- जिसके प्रभाव से नियम अथवा अनियम से एक बीजशब्द के उपरिम और अधस्तन ग्रंथ को एक साथ जाना जा सके।[[श्रेणी:शब्दकोष]]