चम्पक वृक्ष!
चम्पक वृक्ष Name of initiation tree of Lord Munisuvratnath. मुनिसुव्रतनाथ भगवान के दीक्षावृक्ष का नाम , जो नील वन में स्थित था ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चम्पक वृक्ष Name of initiation tree of Lord Munisuvratnath. मुनिसुव्रतनाथ भगवान के दीक्षावृक्ष का नाम , जो नील वन में स्थित था ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहस्रनाम विधान – Sahasranaama Vidhanaa. A composition of worshipping hymn composed by Ganini Aryika Shri Gyanmati Mataji. श्री जिनसेनाचार्य द्वारा रचित सहस्रनाम स्तोत्र के आधर पर गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी द्वारा सन 1954 में रचे गये 1008 मंत्रों के अर्थ को छन्दों में निबद्ध करके रचित 1008 अध्र्यो वाला विधान ।
द्रव्यार्थिक नय A standpoint which emphasizes the attributes of a substance, substantial standpoint. एक नय; जो पर्याय को गौण करके द्रव्य का मुख्यता से कथन करता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहभोजन – Sahabhojana. Taking food togetherly. एक साथ भोजन करना ।
द्रव्यश्रुत A type of scriptural knowledge, Jinwani. आचारांग आदि बारह अंग, उत्पादपूर्व आदि चैदह पूर्व और सामायिकादि 14 प्रकीर्णकस्वरूप ज्ञान। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तीर्थंकर- संसार से पार होने के कारण को तीर्थ कहते हैं। उसके समान होने से आगम को तीर्थ कहते है, उस आगम के कर्ता तीर्थंकर है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतग्राही ज्ञान – Bhutagrahi gyaan. Omniscience, great knowledge of the whole past. भूतकाल को जानने वाले श्रुत, अवधि, मन:पर्यय एवं केवल ज्ञान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रादोषिक काल- जिसमें रात का भाग है वह प्रदोश काल है अर्थात् रात के पूर्वभाग के समीप दिन का पष्चिम भाग, वह सुबह-षाम दोनों कालों में प्रदोशकाल कहलाता है। Pradosikakala- The period of Dawn and dusk
द्रव्य मोह Physical delusion. मोह का एक भेद जीव के द्रव्यादि सम्बन्धि मूढ़भाव। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आराधना कथाकोष A book written by ‘Brahmachari Nemidatta’. ब्र. नेमिदत्त(ई.1518) द्वारा रचित कथाओं का एक संग्रह।[[श्रेणी:शब्दकोष]]