मटि्य!
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मटि्य – Mattiya. Living beings like centipede having number of legs. बहुत पैर जिस के रहते हैं ऐसा जो ‘कनखजूरा’ जैसा प्राणी हैं , उसे मटि्य कहतेहैं “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मटि्य – Mattiya. Living beings like centipede having number of legs. बहुत पैर जिस के रहते हैं ऐसा जो ‘कनखजूरा’ जैसा प्राणी हैं , उसे मटि्य कहतेहैं “
चन्दन कथा A book written by Acharya Shubhchandra-5. आचार्य शुभचन्द्र -५ (ई. १५१६-१५५६) द्वारा रचित एक ग्रन्थ ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समंतभद्र – Samantabhadra.Name of great Acharya, the writer of Svayambhu Stotra, Tattvanushasan, Ratnakarandashravaka-chr etc. many great treatises. आचार्य सिद्वसेन के उत्तरवर्ती एक आचार्य। स्वयम्भू स्तोत्र, स्तुति विद्या, देवागम स्तोत्र, युक्त्यानुशासन, तत्वानुशासन, जीवसिद्वि, प्राकृत व्याकरण, रत्नकरण्डश्राावकाचार आदि अनेक ग्रंथो के रचयिता संस्कृत कवि, वादी, वाग्मी, गमक, तार्किक आदि उपाधियो से समन्वित एक प्रसिद्व आचार्य।
उपवास fasting, Introspective fasting . बाह्य तप का एक भेद अन्न जलादि आहार का त्याग करना तथा विषय कषाय को छोड़कर आत्मा में लीन रहना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गृहिमूलगुणाष्टक 8 basic restraints of householders. गृहस्थ के ८ मूलगुण; ५ अनुव्रतों का पालन, मद्य, मांस, न्मधू का त्याग (रत्नकरण्ड के अनुसार)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मघा – Magha. Name of a lunar. एक नक्षत्र ” तीर्थं कर सुमतिनाथ का जन्म इसी नक्षत्र में हुआ था “
उपभोग-परिभोग-परिमाण व्रत Vow of limiting consumption and enjoyment . 4 शिक्षाव्रतों का एक भेद कुछ समय अथवा जीवन पर्यंत के लिये उपभोग-परिभोग पदार्थों का परिमाण करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुप्त वंश Dynasty of Gupt’s. चंद्रगुप्त से ब्स्कंदगुप्त भानुगुप्त तक चलने वाला वंश , समय – ई.३२०-507।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपयुक्त नोआगम भाव मंगल That which are suitable in volitional auspicious-ness. जो आगम के बिना ही मंगल के अर्थ में उपयुक्त है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुणीनय A standpoint by which soul is supposed to accept virtues. आत्मद्रव्य गुणी नय से गुणग्राही है, शिक्षक के द्वारा जिसे शिक्षा दी जाती है ऐसे कुमार की भाँति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]