शाकटायन न्यास!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शाकटायन न्यास – Shaktaayana Nyaasa. Name of a judicial composition written by Acharya Prabhachandra. आचार्य प्रभाचन्द्र (ई. 950-10120) द्वारा संस्कृत भाषा में रचित न्याय विषयक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शाकटायन न्यास – Shaktaayana Nyaasa. Name of a judicial composition written by Acharya Prabhachandra. आचार्य प्रभाचन्द्र (ई. 950-10120) द्वारा संस्कृत भाषा में रचित न्याय विषयक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय तप – Nishchaya Tapa. Absolute austerity (completely engrossed into oneself). मुनि अवस्था में निज स्वरुप में परिणमन होना अर्थात् समस्त परद्रव्य की इच्छा को रोकना निश्चय तपश्चरण है “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[श्रेणी:शब्दकोष ]] == गति : == नीचैर्वृत्तिरधर्मेण धर्मेणोच्चै: स्थितिं भजेत्। तस्मादुच्चै: पदंं वांछन् नरो धर्मपरो भवेत्।। —आदिपुराण : १०-११९ अधर्म से मनुष्य की अधोगति होती है और धर्म से ऊध्र्वगति (ऊँची गति)। अत: जीवन में ऊध्र्वगति चाहने वाले को धर्म का आचरण करना चाहिए।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वेदक सम्यग्दृष्टि –VedakaSamyagdrsti One with destructive subsidential right faith क्षयोपशम सम्यक्त्व वाला जीव “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लौकिक –Laukika : Worldly behaviour ,knowledge etc. व्यवहारिक (व्यवहार में प्रयुक्त होने वाला ज्ञान क्रिया आदि).
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चयक्षमा – Nishchayaksamaa. Absolute liberal conduct, free from agitation on other’s misconduct. साधुओं आदि को दुष्टजनद्वारा गाली-गलौच, उपहास, तिरस्कार आदि करने पर भी उनके मन में कलुषता का उत्पन्न होना व्यवहार क्षमा है तथा क्रोध के अभाव में आत्मा में तन्मयता का होना निश्चय क्षमा है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संसार विचय – Sansaara Vichaya. Contemplation about the transformable nature of the matter, region, time, realm of the life and emotions. द्रव्य, क्षेत्र, काल, भव एवं भावरूप पंचपरावर्तन के स्वरुप का चिंतन करना “
उपादान कारण(शाश्वत) Affluent cause (eternal). सत्य व अमर उपादान कारण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शांत कषाय – Shanta Kashaaya. Subsided passion. उपशांत कषाय “
उदासीन Passive, Indifferent, Neutral. तटस्थ निःस्पृह तत्ववेत्ता जगत के समस्त तत्वों में मैं और मेरेपन का संकल्प न होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]