चंचत्(चंचु)!
चंचत्(चंचु) Name of the 11th Patal (layer) of ‘Saudharm’ heaven. सुधर्मा स्वर्ग का ११वें पटल का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चंचत्(चंचु) Name of the 11th Patal (layer) of ‘Saudharm’ heaven. सुधर्मा स्वर्ग का ११वें पटल का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्तोत्र – Stotra. Spiritual and religion hymn.कविता के रुप मे किसी इष्ट देव का वर्णन करना। प्रषंसा स्तुति, स्तोत्र एकार्थवाची है। भिन्न-भिन्न आचार्यों ने अनेक स्तोत्र लिखे है।
उदयगुणश्रेणी आयाम Rising geometric progression length (reg. specific karmic aggregate). उदय रूप निषेको में गुणकार क्रम से आकर्षित द्रव्या दिया जाता है उन निषेकों की संख्याt प्रमाण।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चरमावाली Last or ultimate Avali (a time period). अंतिम आवली ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समाधि – Samaadhi. Profound ordeep meditation (esp. with the concentration upon the soul). वीतराग भाव से आत्मा का ध्यान करना समाधि है अथवा समस्त विकल्पांे का नष्ट हो जाना समाधि है।
आराधना संग्रह A book written by ‘Acharya Padmanandi’. आचार्य पद्मनन्दि द्वारा रचित एक ग्रन्थ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभानुबंधा निर्जरा – Shubhaanubandhaa Nirjaraa. Dissociation of immature Karmas causing auspicious temperament. मिथ्याद्रिष्टियों की अविपाक निर्जरा-इच्छा निरोध न होने के कारण यह शुभानुबंधा निर्जरा कहलाती है
चंड A great writer, A king of Rakshasa descendant. ई.पू,३ का एक प्राकृत विद्वान् जिन्होंने प्राकृत लक्षण नाम का एक प्राकृत व्याकरण लिखा, राक्षस वंश का एक राजा ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयसार नाटक टीका – Samayasaara Naataka Teekaa. Name of a commentary book written by Pandit Sadasukh. पं. सदासुख (ई. 1795-1867) कृत समयसार नाटक पर लिखी गई टीका।
देवायु कर्म Celestial life-span Karma, Celestial Longevity determining Karma. आयु कर्म का एक भेद जिसके उदय से जीव निश्चित समय तक देव शरीर में रूका रहे।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]