चरमोत्तम देह!
चरमोत्तम देह Ultimate body of beings who will get salvation in the same birth. अंतिम एवं उत्कृष्ट शरीर अर्थात् मोक्षगामी जीवों की देह ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चरमोत्तम देह Ultimate body of beings who will get salvation in the same birth. अंतिम एवं उत्कृष्ट शरीर अर्थात् मोक्षगामी जीवों की देह ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समाचार – Samaachaara. Asking well beings of one another, news, equanimous conduct of Jaina Saint. एक-दूसरे का कुशल क्षेम पूछना, देश-विदेश की गतिविधियों से अवगत होना। समताभाव अथवा सम्यक् अर्थात् अतिचार रहित मूलगुणांे का आचरण अथवा सभी दिगम्बर जैन साधुओ की नित्य-नैमित्तिक क्रियाओ को समाचार कहते है इसे समाचारी विधि कहा गया है।
चारित्रवाद Doctrine of actionism (reg. conduct). एक एकान्तवादी मत ‘क्रियावाद’ का नाम ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ लेश्या – Shubha Leshya. Auspicious mental colouration. शुभभावरूप, मंदकषायरूप पीत, पद्य, शुक्ल ये तीन वचन योग हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभचंद्र – Shubhachandra. Name of a great Acharya, the writer of Gyanamav Granth, The 8th Balbhadra of predestined Utsarpini Kal. एक महान आचार्य-राजा भर्तृहरि के भाई, ज्ञानार्णव ग्रंथ के रचियता (ई.सं. 1003-1068) ” भरतक्षेत्र के आगामी उत्सर्पिणी काल के 8वें बलभद्र “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशेष – Vishesha. Special, Peculiar, Particular, Distinctive. समान भाव को सामान्य और उससे अन्य अर्थात् विसमान भाव को विशेष कहते हैं ” व्याव्रती अर्थात् भेद की बुध्दी उत्पन्न करने वाला विशेष हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभ आस्रव – Shubha Aastrava. Flow of auspicious Karmas. पूण्यकर्म के आने योग्य मन, वचन, काय की शुभ प्रवृत्ति “
चतुर्विंशतिस्तव Eulogy of 24 Tirthankars (Jaina-Lords). अंगबाह्य श्रुत के १४ प्रकीर्णकों में एक प्रकीर्णक , तीर्थंकरों के गुणों का कीर्तन करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयप्रबद्व – Samayaprabaddha. Binding of karmic molecules with the soul in one samay (a time unit). एक समय मे जितने कर्म व नोकर्म वर्गणाएं आत्मा से बंधती है उसे समय प्रबद्व कहते है। इसका जधन्य प्रमाण अभव्य राषि से अनंतगुणा व उत्कृष्ट प्रमाण सिद्व राषि से अनंतवां भाग है।