व्यतिक्रम!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यतिक्रम – Vyatikrama. Transgression, Crossing the barriers of vows with passional longings. उल्लंघन, अतिक्रमण ” शील व्रतों का उल्लंघन या विषयों की अभिलाषा करना व्यतिक्रम कहलाता हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यतिक्रम – Vyatikrama. Transgression, Crossing the barriers of vows with passional longings. उल्लंघन, अतिक्रमण ” शील व्रतों का उल्लंघन या विषयों की अभिलाषा करना व्यतिक्रम कहलाता हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमोह – Vimoha. Confusion, bewilderment. परस्पर सापेक्ष द्रव्यार्थिक, पर्यायार्थिक नयों के अनुसार द्रव्य, गुण, पर्याय आदि को नहीं जान पाना विमोह कहलाता है ” अथवा शाक्य – बुध्द आदि द्वारा कथित वस्तु में निश्चय करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भगवती – Bhagavati. A type of super power, Other name of Jaina – initiation. बहुरुपविधायिनी एक विघा ” जिन दीक्षा को भी भगवती दीक्षा कहते हैं “
द्रव्य सम्यग्दृष्टि One having keen desire & eligible talent for getting right perception. जो जीव अपने कल्याण का इच्छुक है अर्थात् जिसमें आगामी काल में सम्यक्त्व होने की योग्यता है। यह द्रव्य निक्षेप की अपेक्षा कथन है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावकरण – Bhavakarana. Another name for Karan Labdhi (efficiency attainment). करणलब्धि का दूसंरा नाम ” यह पांचवी लब्धि है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैमित्तिक व्युत्सर्ग – Naimittika Vyutsarga. Activities of occasional abandonments. नियतकाल व्युत्सर्ग (त्याग) का एक भेद; पर्व के दिनों में की जाने वाली क्रियाएं व निषद्या आदि क्रिया करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भानुनंदी – Bhanunamdi. Name of the disciple of Nemichandra-1 & preceptor of Sinhnandi-1. नेमिचन्द नं. १ के शिष्य और सिंहनन्दी नं. १ के गुरु (ई. ५६५-५८६) का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रनाभि – Vajranaabhi Past-birth soul of Lord Rishabhdev & Lord Parshvnath, Past-birth name of Lord Vimalnath’s father, Name of a chief disciple of Lord Abhinandannath. भगवान ऋषभदेव के तीसरे तथा भगवान पार्श्वनाथ के चौथे पूर्वभव का जीव , तीर्थंकर विमलनाथ के पूर्वभव के पिता , भगवान अभिनन्दंननाथ के एक गणधर का नाम
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नेमिनाथ बारहमासा – Neminaatha Baarahamaasaa. Name of a book. बूचिराज (ई.शु.16) कृत राजमति के उद्दगार विषयक एक काव्य कृति “