दण्डकारणिक!
दण्डकारणिक An administrator who can punish, A magistrate. दण्ड देने वाला अधिकारी । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दण्डकारणिक An administrator who can punish, A magistrate. दण्ड देने वाला अधिकारी । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुद्धि ऋद्धि – Buddhi Riddhi Supernatural power of intellect. एक प्रकार की ऋद्धि जिसके १८ भेद हैं “
दिग् विरति A vow of restriction pertaining to movement in particular direction. दशों दिशाओं में गमनागमन की मर्यादा करना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
दानवीर्य The main interrogator in the assembly of Lord Suparshvanath. सुपाश्र्वनाथ भगवान के समवसरण के मुख्य श्रोता (प्रश्नकर्ता) का नाम। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वहण – Nirvahana. Acquiring right fait and other virtues with calmness (free from anxiety). सम्यग्दर्शन आदि गुणों को निराकुलतासे धारण करना परीषहादिक आने पर व्याकुल चित्त न होकर सम्यग्दर्शन आदि रत्नत्रय में तत्पर रहना “
दश भक्ति The collection of different particular devotional prayers. प्राकृतभाषा की सिद्धभक्ति , श्रुतभक्ति, चारित्रभक्ति , योगभक्ति , आचार्यभक्ति , वर्तमान में उपलब्ध ये आठ भक्तियाँ ही आचार्य श्री कुन्दकुन्द स्वामी द्वारा रचित ‘‘दशभक्ति’’ नाम से प्रसिद्ध हैं । संस्कृत की चैत्यभक्ति एंव समाधिभक्ति ये 11 भक्तियाँ ‘‘दशभक्ति’’ नाम से प्रसिद्ध हैं। वर्तमान में पूज्य…
आसीधिका Omen permission (taken while coming out from a temple etc.). जिन मन्दिर अथवा यति का निवास अथवा मठ से लौटते समय उच्चारण करने का शब्द जिसका अर्थ वहाँ रहने वाले भूत , यक्षादि से पूछकर बाहर आना है इसके लिये असही शब्द का भी प्रयोग होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य शुक्लध्यान – Bahya Sukladhyana. Meditational activity of controlling movements of body organs. आत्मा की वीतरागी अवस्था की बाहरी पहचान; शरीर और नेत्रों को स्पन्द रहित रखना, जंभाई, उदूगार आदि नहीं होना , प्राणापान का प्रचार व्यक्त न होना आदि बाह्य शुक्लध्यान हैं “
दर्शनाराधना A type of devotional prayer of right faith. 4 आराधना में एक भेद, निर्दोष सम्यग्दर्शन की आराधना करना, इससे जीवादि सात तत्वों और उनके प्रतिपादक गुरू शास्त्रों पर श्रद्धान होते हैं ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]