तुलिंग!
तुलिंग A country of Bharat ksherta in Aryakhand (region). भरतक्षेत्र आर्यखण्ड का एक देश। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तुलिंग A country of Bharat ksherta in Aryakhand (region). भरतक्षेत्र आर्यखण्ड का एक देश। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शरीरी – Shareeree. Having to do with the body, A living creature. जीव संसारावस्था में शरीर सहित होने पर शरीरी कहलाता है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावानंत – Bhavanamta. A kind of infinity. अनंत का एक भेद; यह आगम और नोआगम की अपेक्षा दो प्रकार का है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकोत्तर गणना –Lokottara Gananaa The universal calculations ,super calculations . गणना प्रमाण के दो भेदों में एक भेद ;द्रव्य ,क्षेत्र ,काल ,भाव इसके 4 भेद हैं “
तिलोयपण्णत्ति A book written by Acharya Yativrishabh. आचार्ययतिवृषभ (ई. 143- 173)द्वारा रचित करणानुयोग का प्राकृत गाथाबद्ध अति प्राचीन प्रामाणिक ग्रंथ , जिसमें तहन लोक का विस्तृत वर्णन है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आहारक मार्गणा An investigation stage expressed about assimilative (Aharak) and non – assimilative (Anaharak) state of beings. 14वीं मार्गणा जिसमें जीवों के आहारक व अनाहारक का कथन है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बैल – Baila. Bullock, significant mark of Lord Rishabhdeva. Also of Lord Simandhar and Suriprabh situated in Videhkshetra (region) , one of the 16 dream- marks of Tirthankar’s (Jaina Lord’s ) mother . ऋषभदेव भगवान का चिन्ह , विदेहक्षेत्र में स्थित तीर्थकर सीमंधर एंव सुरिप्रभ का चिन्ह , तीर्थकर की माता के…
तिर्यक् द्विक A dyad related to subhuman beings (Tiryanch). तिर्यच गति व आनुपूर्वी। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्विकार – Nirvikaara. Pure, without any defect. विकार रहित “
तिर्यांच The beings other than human, celestial & infernal beings. मनुष्य , देव और नारकी जीवों को छोड़कर शेष एकेन्द्रिय से लेकर पंचेन्द्रिय तक के जीव तिर्यंच कहलाते हैं। मन वचन काय की कुटिलता को प्राप्त, निकृष्ट अज्ञानी और जिनके अत्यधिक पाप की बहुलता पायी जाये, उसको तिर्यंच कहते है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]