प्रत्येक भंग!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्येक भंग- जहां अलग-अलग भाव हो वह प्रत्येक भंग है। pratyeka bhamga – each part, different feelings.
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्येक भंग- जहां अलग-अलग भाव हो वह प्रत्येक भंग है। pratyeka bhamga – each part, different feelings.
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदुम: A number – (10,000,000)17 एक संख्या प्रमाण-(10,000,000)17
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्येक पद- जो भ्ज्ञाव एक जीव के एक काल में यगपत संभव हो ऐसे भाव प्रत्येक पद कहलाते है। pratyeka pada – feelings simultaneously existing of one in a praticular time period
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पदमिमांसा : A type of disquisition door (Anuyogadvar). अनुयोग द्वार का एक भेद ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूल बीज–Mula Bija. Root – seeds. वनस्पति; जिनका मूल अर्थात् जड़ ही बीज हो (जो जड़ के बोने से उत्पन्न होती है) वे मूल बीज कही जाती है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमदा- प्रमाद की बहुलवा से स्त्रियों को प्रमदा कहते हैं, समवषरण की नाट्यषाला। Pramada- Lustful women, Name of a stage of drama in Samavasharan- assembly of Lord
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पतित षट्स्थान :A type of declining (related to property of A gurulaghu) अगुरूलघु गुण में होने वाला हानि रूप परिणमनः अनंतभाग हानि, असंख्यातभागहानि, संख्यातभागहानि, संख्यात गुण हानि , असंख्यात गुण हानि, अनंतगुण हानि।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशद – Vishada. Clear, Clean, Spotless, Pure. निर्मल, पवित्र, स्पष्ट ” जो प्रतिभास बिना किसी दूसरे ज्ञान की सहायता से स्वतंत्र व स्पष्ट हो “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभावना- सम्यग्दर्षन ज्ञान चारित्र रुप रत्नत्रय के प्रभाव से आत्मा को प्रकाषमान करना। ज्ञान,ध्यान, तप, दया, दान, जिन पूजा आदि के द्वारा जिनधर्म की महिमा को प्रकाषित करना। Prabhavana – Glorification, Promotion (influencing pertaining to religion)