बादर सांपराय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बादर सांपराय – स्थूल कषायो को बादर साम्पराय कहते है ” अनावृतिकरण गुणस्थान का अपरनाम ” Badara Sampraya- Gross passions
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बादर सांपराय – स्थूल कषायो को बादर साम्पराय कहते है ” अनावृतिकरण गुणस्थान का अपरनाम ” Badara Sampraya- Gross passions
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोरम्य – Manoramya. Name of a king of Rakshas dynasty. राक्षसवंशी एक राजा , राजा महाबाहु के पश्चात लंका का स्वामित्व इसे ही प्राप्त हुआ था “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रहारसंक्रामिणी विधा- एक मन्त्र विधा। धरणेन्द्र द्वारा नमि और विनमि को प्रदतत लोकहितकारिणी एक विधा। Praharasamkramini Vidya- A type of magical power of mystic word
ईर्यापथकर्म Flow of non – binding Karmas. योग से जिन कर्मों का आस्रव होता है पर बंध नहीं होता अगले भव में बिना फल दिये ही झड़ जाते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संख्यात गुणवृद्धि – Sankhyaata Gunavriddhi. Multiplicative increase in numbers. किसी संख्या का संख्यात गुणा किसी में बढ़ाना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रसारिताबाहु तप – कायक्लेष तप; दोनो बाहों को ऊपर करके खड़े होना। Prasaritabahu Tapa- A type of physical mortification, an external austerity
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहुविध- मतिज्ञान का एक भेद; बहुत प्रकार के अलग-अलग पदार्थो का ज्ञान होना। Bahuvidha- A type of sensory knowledge pertaining to many objects
देवविमान Space vehicles of deities. देवों के विमान, तीर्थंकर की माता के 16 स्वप्नों में 13 वां स्वप्न जिसका फल यह होता है कि उत्पन्न होने वाला ‘जीव स्वर्ग से अवतीर्ण होगा। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संख्या – Sankhyaa. Numbers or meaningful numbers, One of the eight Anuyogdvars (disquisition doors). गिनती, सत् प्ररूपणा में जो पदार्थों का अस्तित्व कहा गया है, उनके प्रमाण का वर्णन करने वाली संख्या हैं ” जीवादि पदार्थों के भेदों की गणना, यह 8 अनुयोग द्वारों में दूसरा अनुयोग द्वार है “
आनुपूर्वी नामकर्म प्रकृति A type of Karmic nature causing same shape of the soul-points of beings as the shape of their previous birth. जिसके उदय से विग्रहगति में आत्म प्रदेशों का आकार पिछले (छोडे़ हुए) शरीर के आकार का हो।[[श्रेणी:शब्दकोष]]