भावना लीनता!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावना लीनता – Bhavana Linata. Deep engrossment in meditation for supreme bliss. अपने अंतरंग में लीन रहना जिससे परम सुख की प्राप्ति होती है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावना लीनता – Bhavana Linata. Deep engrossment in meditation for supreme bliss. अपने अंतरंग में लीन रहना जिससे परम सुख की प्राप्ति होती है “
चोरी- बिना दी हुई वस्तु का लेना चोरी स्तेयहै। इस कथन का अभिप्राय है कि बाह्य वस्तु ली जाय या न ली जाय किंतु जहाँ संक्लेशरूप परिणाम के साथ प्रवृति होती है, वहाँ चोरी का दोष लगता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गुणसेन A disciple of Acharya Veersen Swami. आचार्य वीरसेन स्वामी के शिष्य (ई. १०७३)।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनरंगलाल- Manarangalala. Name of a writer who wrote Namichandraka, specially 24, worshipping composition of 24 Jaina Lords and many other books. पंडित ; नमिचंद्रका, सप्तव्यसनचरित्र आदि के रचियता ” इनके द्वारा रचित 24 तीर्थंकरों की 24 पूजाएं अत्यंत प्रसिद्द हैं “
खंडदेव Medium attenuation, a part of krashti (gradual destruction of passions). पूर्व मीमांसा दर्शन के एक प्रवर्तक जिन्होंने ‘भाट्टपीदिका’ आदि ग्रंथों की रचना की ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मूर्ति–Muurti. Lord idol, An Image. स्थापना निक्षेप से किसी का स्वरुप समझने के लिए उसकी तदाकार मूर्ति बनाना”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाववेद – Bhavaveda. Psychic libido. वेद नोकषाय के उदय से मैथुन भाव होना, इसके ३ भेद हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुद्धेशभवनव्याख्यान – Buddhesabhavanavyakhyana. Name of a treatise written by Acharya Vidynandi. आचार्य विधानदिं (ई. ७७५ -८४० ) कृत एक ग्रंथ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रतिमा स्थान – Pratimaa Sthaana. Different kinds of austerities related to particular places. कायक्लेश तप; आतापनयोग, वृक्ष मूल में निवास, निवारण शयन आदि नाना प्रकार के कायक्लेश “