निरूपभोग!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरूपभोग – Nirupabhoga. Devoid of worldly enjoyments. उपभोग रहित होना-तैजसऔर कार्माण शरीर की भॉति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरूपभोग – Nirupabhoga. Devoid of worldly enjoyments. उपभोग रहित होना-तैजसऔर कार्माण शरीर की भॉति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निराकुलता – Nirakulataa. Calmness, Peace of mind, Unperturbedness. सुख अर्थात् आकुलता से रहित होना “
द्रव्य अप्रतिक्रमण Reverential view for the accepted matters in the past. अतीतकाल में जो परद्रव्यों का ग्रहण किया था, उनको वर्तमान में अच्छा जानना , उनका संस्कार रहना, उनके प्रति ममत्व भाव का होना।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुवर्ण – Suvarna. A good colour, Golden, Gold, Name of a summit and a deity of Shikri mountain. अच्छा वर्ण, सुनहरा, सोना, तौल का एक प्रमाण, 2.5 धरण = 1 सुवर्ण या 1 कंस, षिखरी पर्वत का एक कूट तथा देव, अपरनाम कांचन ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरपेक्ष –Nirapeksha. Without expectation, independent. स्वतंत्र; किसी दूसरे की अपेक्षा न रखने वाला, जैसे- केवलज्ञान “
दौलतराम Name of Pandits, who wrote a number of books on Jainism. पंडित 1. पदमपुराण, आदिपुराण , हरिवंशपुराण, आदि की वचनिका के कर्ता, क्रियाकोश, अध्यात्म बारहखड़ी आदि के कर्ता, समय- वि. 1777-1829। 2. छीढाला, पदसंग्रह के कर्ता (समय- वि. 1855-1923)। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोकव्यवहार – Lokavyavahaara. : Worldly dealings. सामाजिक शिष्टाचारयुक्त व्यवहार “
देहरहितता Bodilessness, the state of salvation (a virtue of Siddha). सिद्ध परमेष्ठी का शरीर से रहित होने का गुण।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]