तपित!
तपित The 2nd Patal (layer) of the 3rd hell. तीसरे नरक का द्वितीय पटल ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
तपित The 2nd Patal (layer) of the 3rd hell. तीसरे नरक का द्वितीय पटल ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] परमावधि : Supreme clairvoyance.अवधिज्ञान के 3 भेदों में एक भेद, यह उसी भव से मोक्ष जाने वाले (चरमषरीरी) साधु को होता है, केवल ज्ञान होने तक यह नही छूटता ।
तपनतापि A type of deities (related to sky). आकाशोपन्न देव का एक भेद। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साधना – Saadhanaa. Study (of soul), Striving towqrds any end or accomplishment. लौकिक एवं आध्यात्मिक सिद्धि के लिए किया गया प्रयत्न ।
ऋजुकायकृतार्थज्ञ One having knowledge of telepathy i.e. Manah Paryay Gyan (related to bodily activities). काय के द्वारा किये जाने वाले कार्य को ऋजुमति मनः पर्यय ज्ञान के द्वारा जानने वाला।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तनुवात Thin air, Rarefied air. हलकी वायु तीन लोक को वेष्टित कराने वाले 3 वातवलयों में से एक का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सातिशय अप्रमत्त – Saatisaya Apramatta. Saints rising on the 2nd substage of the 7th stage of spiritual development. अप्रमत्त संयत के दो भेदो मे एक भेद। जो साधु उपशम या क्षपक श्रेणी चढ़ने के सम्मुख है वे सातिशय अप्रमत्त संयत कहलाते है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सागरोपम – Saagaropama. A transcendental time unit. काल का एक प्रमाण। ढाई उद्वार सागर प्रमाण काल का एक सागरोपम काल होता है। एक उद्वार सागर 10 कोड़ाकोड़ी उद्वार पल्यों का कहा गया है।
तत्वार्थसूत्र लघु A book written by a celibate Prabhachandra. ई. सन् 700 में प्रभाचन्द्र ब्र. द्वारा रचित तत्वार्थ संबंधी एक ग्रंथ। [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भास्करनंदी – Bhaskaranandi. Name of a saint who wrote ‘Dhyanstava’ and other treatises. मुनि; तत्त्वार्थसूत्र की सुखबोधिनी व्रत्ति तथा ध्यानस्तव के रचयिता ” समय – ई.श. १४ “