देवपुत्र!
देवपुत्र Name of the 6th predestined Tirthankar (Jaina-Lord). भावीकालीन तेईसवें तीर्थंकर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]] A worshipper of Lord Arihant. भावीकालीन छठवें तीर्थंकर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
देवपुत्र Name of the 6th predestined Tirthankar (Jaina-Lord). भावीकालीन तेईसवें तीर्थंकर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]] A worshipper of Lord Arihant. भावीकालीन छठवें तीर्थंकर का नाम।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सात नय – Saata Naya. Seven particular kinds of standpoints. नैगम, संग्रह, व्यवहार, ऋजुसूत्र, शब्द, समभिरुढ़ और एवंभूत ये 7 नय है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भित्ति चित्र – Bhitti chitra. Stucco embellishment (decorative wall work). चित्रकला का एक भेद; इसमें दीवार पर विभिन्न रंगों से आक्रतियाँ चित्रित की जाती हैं “
ऊर्ध्वगमन Upward movement. शुद्ध या मुक्त जीव की गति- ऊपर गमन करना जीव का स्वभाव है मुक्त जीव लोक शिखर पर विराजता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
त्रींदिय जाति नामकर्म प्रकृति A karmic nature causing birth in Tiryanch destination. जिसके उदय से स्पर्शन , रसना , घ्राणा इन तीन इन्द्रियधारी तिर्यंचों में जन्म हो। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]]हृस्व – Hrasva. A short vowel. एक मात्रा वाला वर्ण हृस्व होता है। अ, इ, उ,, ऋ, लू, ये पाॅच हृस्व अक्षर पाॅच लध्वक्षर के रुप मे प्रसिद्व है।
चतुःस्थानीय The actual fruition of the Karmic matters having strong or mild attributes. अनुभाग बंध ; प्रशस्त कर्म प्रकृतियों का गुड़ , खाण्ड , शक्रा और अमृत रूप एवं अप्रशास्ता कर्म प्रकृतियों का लाता , दारू , अस्थि , शैलरूप अनुभाग बंध चतुःस्थानीय कहलाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] हूहू अंग – Huuhuu Anga. A large unit of time. काल का एक प्रमाण-हाहा प्रमित काल के 84 से गुणित होने पर प्राप्त संख्यात्मक काल।