यशस्तिलकचंपू!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यशस्तिलकचंपू–Yashastilakchampu. Name of a composition composed by Acharya Somdev. आचार्य सोमदेव द्वारा ई.943–968 में रचित संस्कृत भाषाबद्ध चंपू काव्य जिसमे यशोधर महाराज का जीवन चित्रित किया गया है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यशस्तिलकचंपू–Yashastilakchampu. Name of a composition composed by Acharya Somdev. आचार्य सोमदेव द्वारा ई.943–968 में रचित संस्कृत भाषाबद्ध चंपू काव्य जिसमे यशोधर महाराज का जीवन चित्रित किया गया है”
आस्रव त्रिभंगी A book on karmic theory, Hindi translation of which is done by Ganini Shri Gyanmati Mataji. कर्म सिद्धान्त विषयक एक ग्रन्थ । इसका हिन्दी अनुवाद गणिनी श्री ज्ञानमति माताजी कृत है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य हेतु – Bahya Hetu. External causes. बाहरी निमित या कारण ” जैसे – अन्य द्रव्यों के (बाह्याहेतुरूप) संयोग से आत्मा का रागदिरूप परिणमन होना “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] म्रत्युंजय यंत्र–Mratyunjay. A type of metallic plate engraved with some auspicious mystic words. 48 यंत्रों में एक; जिसमे मृत्तिका नयन मन्त्र के अक्षर, शब्द मंत्रो की रचना कोष्ठक आदि बनाकर चित्रित की गयी है”
आसुरी Pertaining to evil spirits, A type of low status deities. निम्न वृत्ति सहित नीच गति के देवों में एक।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्मलनाथ – Nirmalanaatha. Name of the 16th predestined Tirthankar. भावीकालीन 16 वें तीर्थंकर का नाम (श्रीकृष्ण का जीव) “
चतुर्थच्छेद Number of times that a number can be divided by 4. किसी संख्या को ४ से जितनी बार भाग दिया जा सके ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आहारक समुद्घात Bondage of Aharak Vargana for the formation of translocational body (Aharak Sharir). सूक्ष्म तत्व के विषय में जिसे जिज्ञासा उत्पन्न हुई है उन परम ऋषि के मस्तक में से मूल शरीर से सम्पर्क बनाये रखकर एक हाळा ऊँचा सफेद रंग का सवाँग सुन्दर पुतला निकलकर अन्तर्मुहुर्त में जहाँ कहीं भी केवली भगवान को…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्देश – Nirdesha. Instruction, Direction. आदेशपूर्वक किसी बात को कहना, विवक्षित वस्तु के स्वरूप का कथन करना “