समवसरण गीत
समवसरण गीत तर्ज-सौ साल पहले... बीते युगों में यहाँ पर समवसरण आया था.....समवसरण आया था। मैंने न जाने तब कहाँ जनम पाया था।।टेक.।। करोड़ों साल पहले भी, हजारों साल पहले भी। ऋषभ महावीर इस धरती पर खाए और खेले भी।। भारत की वसुधा पर तब, स्वर्ग उतर आया था.....स्वर्ग उतर आया था। मैंने न जाने...