गोबर-गणेश
गोबर-गणेश (काव्य छः से सम्बन्धित कथा) अध्ययन शालाओं में एक जड़मति छात्र की क्या अवस्था होती है, उसे वह भुक्तभोगी विद्यार्थी ही अनुभव कर सकता है; जो बात-बात में अध्यापक की प्रताड़ना, साथियों और सहपाठियों द्वारा उपहास एवं आत्मग्लानि उसके रसमय जीवन को निराशा से भर देते हैं! निराशा ही क्यों? कभी-कभी तो आत्म-हत्या जैसा…