बंधप्रत्यय
बंधप्रत्यय बंध प्रत्यय अर्थात् बंध के कारण चार माने हैं। श्री गौतमस्वामी ने प्रतिक्रमण पाठ में अनेक बार—चउण्णं पच्चयाणं।’’ चउसु पच्चएसु।।’’टीकाकारों ने मिथ्यात्व, अविरति, कषाय और योग ऐसे नाम दिये हैं। षट्खण्डागम में तो अनेक स्थलों पर ये प्रत्यय चार ही माने हैं। षट्खण्डागम में तृतीय खण्ड का नाम ही ‘‘बंध स्वामित्व-विचय’’ है। धवला पु….